अजय शर्मा
रांची। झारखंड में हुए कुछ बड़े जमीन घोटाले की जांच जल्द सीआइडी शुरू करेगी। सीआइडी से उम्मीद इतनी बढ़ी कि अब जमीन घोटाले की जांच भी इस विभाग को सौंपी जा रही है। मूलत: अपराध अनुसंधान विभाग में अपराध से जुड़े मामलों की ही जांच होती है। सीआइडी के अधिकारियों की मेहनत ने इस तरह इस विभाग की छवि बदली और लोगों का भरोसा जिता कि अब जमीन घोटाले की जांच भी सीआइडी को दी जा रही है। रांची, देवघर, धनबाद और हजारीबाग के बड़े जमीन घोटालों की जांच एक दो दिनों में शुरू हो जायेगी। सीआइडी के अधिकारियों ने इसकी पूरी तैयारी कर ली है। भू-राजस्व विभाग की ओर से इसकी अनुशंसा की गयी थी।
क्या है मामला
खेलगांव ओपी क्षेत्र के बड़गार्इं में 54 एकड़ सरकारी जमीन को एनआइसी के कर्मचारियों और कुछ अधिकारियों ने निजी व्यक्ति के नाम कर दिया। इस संबंध में जब खबर प्रकाशित हुई तो सीओ ने स्थानीय थाना में मामला भी दर्ज करा दिया। इसमें नारायण सिंह का पुत्र मनन गोप, नरेंद्र गोप और एनआइसी के कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों को आरोपी बनाया गया है। तीन माह पहले पूरी जमीन गैरमजरुआ थी। आॅनलाइन बंदोबस्त नीजि व्यक्ति के नाम कर दिया गया। स्वर्णरेखा नदी के किनारे 100 एकड़ जमीन, भुसुर नदी के किनारे 25 एकड़ जमीन, जुमार नदी के किनारे की जमीन पर भी जमीन माफियाओं की नजर है। देवघर में वहां के अंचलाधिकारी अनिल सिंह की भी भूमिका की जांच होनी है। साथ ही वहां रजिस्टर्ड टू को फाड़ा गया है इसकी भी जांच की जायेगी। देवघर और धनबाद में अरबों रुपयों की सरकारी जमीन में गड़बड़ी की गयी है। इसी तरह की गड़बड़ी हजारीबाग में भी की गयी है। इस सभी की जांच एक दो दिनों में सीआइडी करेगी।
होती रही सरकारी जमीन की लूट
झारखंड में सरकारी जमीन की लूट होती रही है। वन विभाग की भूमि भी आम लोगों के नाम बंदोबस्त की जा रही है। बड़कागांव में सरकारी जमीन में हुई गड़बड़ी के लिए जांच टीम भी बनी थी। वहां कुछ सरकारी जमीन पर कुछ लोग मुआवजा निकाल लिये। झारखंड के हर जिले में अगर सरकारी जमीन की गड़बड़ी की जांच हुई तो आरोपी अधिकारियों की एक लंबी लिस्ट बन जायेगी।