तीन नए कृषि कानूनों (Agriculture laws) को वापस लेने की मांग कर रहे किसानों का आंदोलन (Farmers Protest) रविवार को 46वें दिन जारी है। सरकार के साथ कई दौर की वार्ताएं विफल रहने के बाद किसान संगठनों के नेता आंदोलन तेज करने की रणनीति बनाने में जुटे हैं। उन्होंने 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च (Tractor march) निकालने की तैयारी की है। किसान नेताओं ने बताया कि आंदोलन के मसले से संबंधित याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में आगे होने वाली सुनवाई को लेकर भी विचार-विमर्श चल रहा है।

देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर 26 नवंबर 2020 से डेरा डाले किसान नये कृषि कानूनों को निरस्त करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं। इस सिलसिले में यूनियन के नेताओं की सरकार से आठ दौर की वार्ताएं बेनतीजा रही है और अगले दौर की वार्ता 15 जनवरी को तय हुई है। अगली वार्ता से पहले किसान संगठन आंदोलन तेज करने को लेकर आगे की रणनीति बनाने में जुटे हैं।

केंद्र सरकार द्वारा लागू नए कृषि कानून-

सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं पर विचार
सिंघु बोर्डर पर चल रहे प्रदर्शन में शामिल पंजाब के किसान नेता सुखपाल सिंह डफर ने बताया कि पंजाब के किसान नेताओं की रविवार को बैठक में लिए जाने वाले फैसले पर दोपहर बाद संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में विचार किया जाएगा।

सुखपाल सिंह गन्ना संघर्ष समिति, होशियारपुर, पंजाब के प्रतिनिधि के रूप में सरकार के साथ पिछली वार्ता में शामिल हुए थे। उन्होंने बताया कि आंदोलन से संबंधित सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं पर आगे सुनवाई होने जा रही है, इसलिए किसान संगठनों के नेताओं के बीच इस संबंध में भी विचार-विमर्श कर रहे हैं।

पंजाब के ही किसान नेता और भारतीय किसान यूनियन (लाखोवाल) के जनरल सेकेट्ररी हरिंदर सिंह भी पिछली वार्ताओं में शामिल रहे हैं। हरिंदर सिंह ने कहा कि, हम सरकार के साथ होने वाली अगले दौर की वार्ता को लेकर भी आपस में विचार-विमर्श कर रहे हैं।

‘फोकस 26 जनवरी की तैयारी पर’
उन्होंने कहा कि किसानों की जो दो प्रमुख मांगें हैं उन पर पर जब तक सरकार फैसला नहीं लेगी तब उनका आंदोलन जारी रहेगा। लाखोवाल ने कहा, आगे आंदोलन तेज करने की रणनीति समेत तमाम मसलों पर विचार-विमर्श चल रहा है, लेकिन हमारा मुख्य फोकस 26 जनवरी की तैयारी पर है।

किसान संगठनों ने एलान किया है कि 26 जनवरी से पहले उनकी मांगें पूरी नहीं होने की सूरत में वो गणतंत्र दिवस पर देश की राजधानी दिल्ली में टैक्टरों के साथ किसान परेड निकालेंगे। इसके अलावा कई और कार्यक्रमों की घोषणा पहले ही की जा चुकी है।

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