भारतीय सेना में मानवाधिका​रों से सम्बंधित मामलों की जांच करने के लिए अलग से प्रकोष्ठ का गठन किया गया है​​ ​​इस मानवाधिकार प्रकोष्ठ का पहला ​​​अतिरिक्त महानिदेशक मेजर जनरल गौतम चौहान को बनाया गया है​​। वह भारतीय ​​सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एसके सैनी के तह​​त काम करेंगे। ​​मेजर जनरल गौतम चौहान ने अपना कार्यभार भी ग्रहण कर लिया है​​। ​​   
 
​सेना के प्रवक्ता ने बताया कि सेना के साथ संवेदनशील संघर्ष क्षेत्रों में मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोप सामने आते हैं​ ​लेकिन इस ओर हमेशा ध्यान नहीं जाता है।​ ​भारतीय सेना ने ​​मानवाधिकार ​अधिकारों और मूल्यों के पालन को उच्च प्राथमिकता देने के लिए मानवाधिकार प्रकोष्ठ का ​गठन किया है​ इसका प्रमुख मेजर जनरल गौतम चौहान ​को नियुक्त किया है​ जिन्होंने भारतीय सेना में पहले अतिरिक्त महानिदेशक मानवाधिकार के रूप में पदभार संभाल​ लिया है​ वह सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एसके सैनी के तहत काम करेंगे​​मानवाधिकार सेल ​सेना में ​किसी भी ​​तरह के मानवाधिकार उल्लंघन ​मामलों की जांच ​करेगा​ इस सेल की पारदर्शिता बढ़ाने और खोजी विशेषज्ञता ​हासिल करने के लिए ​​भारतीय पुलिस सेवा के एसएसपी ​या ​एसपी रैंक के ​​एक अधिकारी को ​सेना में ​प्रतिनियुक्ति पर लिया जाएगा।​ वह ​न केवल जांच ​में कानूनी सहायता ​करेंगे​, बल्कि आवश्यकता पड़ने पर अन्य संगठनों और गृह मंत्रालय के साथ समन्वय स्थापित करने में भी मदद ​करेंगे​
 
​उन्होंने बताया कि अतिरिक्त महानिदेशक मानवाधिकार का पद ​​सेना ​में घोषित कई सुधारों का हिस्सा है।​ भारतीय सेना ​में मानवाधिकार ​के मामले न के बराबर हैं लेकिन​ यह मानवाधिकार प्रकोष्ठ पेशेवर तरीके से आरोपों को देखने में मदद करेगा और आंतरिक प्रहरी के रूप में भी कार्य करेगा।रक्षा मंत्रालय ​ने अगस्त​,​ 2019 में मानवाधिकार प्रकोष्ठ को मंजूरी​ दी थी।​​ इसका गठन एक मेजर जनरल रैंक के अधिकारी की अध्यक्षता में ​किया जाना था, इसीलिए अब मेजर जनरल चौहान​ को पहला अतिरिक्त महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया गया है​ अभी तक वह एकीकृत रक्षा स्टाफ (मुख्यालय आईडीएस) के मुख्यालय में ब्रिगेडियर ऑपरेशन लॉजिस्टिक्स के रूप में सेवारत थे​​​ इससे पहले ​उन्होंने उत्तर पूर्व में गोरखा राइफल्स​ ​की एक ब्रिगेड का नेतृत्व किया है। उन्होंने सैन्य संचालन निदेशालय (एमओ) में भी काम किया है।
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