राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने अभिभाषण में केंद्र सरकार के ‘हर घर जल’ योजना की सराहना करते हुए कहा कि इस अभियान में अनुसूचित जातियों एवं जनजातियों के भाई-बहनों तथा वंचित वर्गों के अन्य लोगों को प्राथमिकता के आधार पर स्वच्छ जल के लिए नल का कनेक्शन दिया जा रहा है।
कोविंद ने शुक्रवार को संसद के केंद्रीय कक्ष में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि बाबासाहेब डॉ. अंबेडकर संविधान के मुख्य शिल्पी होने के साथ-साथ हमारे देश में वॉटर पॉलिसी को दिशा दिखाने वाले भी थे। 8 नवंबर, 1945 को कटक में एक कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा था, “जल धन है। जल लोगों की संपत्ति है और इसका वितरण अनिश्चित है, सही तरीका प्रकृति के खिलाफ शिकायत करना नहीं है बल्कि पानी का संरक्षण करना है।”
कोविंद ने कहा, “बाबासाहेब की प्रेरणा को साथ लेकर, मेरी सरकार ‘जल जीवन मिशन’ की महत्वाकांक्षी योजना पर काम कर रही है। इसके तहत ‘हर घर जल’ पहुंचाने के साथ ही जल संरक्षण पर भी तेज गति से काम किया जा रहा है। इस अभियान के तहत अब तक 3 करोड़ परिवारों को पाइप वॉटर सप्लाई से जोड़ा जा चुका है।”