चित्रकूट। भारत को विश्व गुरु बनाने में हमारे देश के संतों, ऋषि, मुनियों का सदैव ही योगदान रहा है। इसी श्रृंखला में वर्तमान समय के महान संत,पद्म विभूषण से अलंकृत श्रीतुलसीपीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज को उनके ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ विचारधारा, अद्भुत प्रतिभा की ख्याति पूर्व से पश्चिम तक संपूर्ण विश्व में ख्याति फैल रही हैं। आज भी विश्व गुरु की पदवी पर भारत के धर्म चक्रवर्ती जगदगुरु रामभद्राचार्य जी विराजमान है। उनका दिब्यांगों के प्रति विशेष प्रेम व दिव्यांगों की उच्च शिक्षा के लिए विश्वविद्यालय की स्थापना, रोजगार व पुनर्वास के लिए किये गए कार्य सराहनीय है। इन्हीं महान कार्य को देखते हुए ‘वर्ल्ड हयूमिनिटी पार्लियामेंट संयुक्त राज्य अमेरिका के द्वारा 2023 का ‘प्राइड ऑफ सनातन’ विश्व प्रसिद्ध पुरस्कार से विभूषित किया है।

जगदगुरू के उत्तराधिकारी आचार्य रामचंद्र दास महाराज का कहना है कि यह हम सभी के लिए अत्यंत गौरव की बात है। देव तुल्य महान जगदगुरु जी को पुरस्कार प्रदान करना सूर्य को दीपक दिखाने जैसी ही है। आपसे पुरस्कार स्वयं विभूषित हो जाते हैं। पूज्य जगदगुरु की आशुकवि क्षमता है। आपके रचनात्मक कार्यों में पठन-पाठन करते रहते हैं। कहा कि जगदगुरू ने अपनी क्षमता से ही अनेकों महान ग्रंथों की रचना की है। वेद शास्त्र,पुराण के महान ज्ञाता है। आपने वर्तमान समय तक 225 ग्रंथों का प्रणयन व लेखन किया है। आपके भारत में सामाजिक, धार्मिक, धर्म, संस्कृति के प्रचार-प्रसार में लाखों करोड़ों भक्तों को मार्ग दर्शन व प्रेरणा मिलता है।

बताया कि यह पुरस्कार श्री सालासर बालाजी मंदिर चुरु राजस्थान में आयोजित श्रीराम कथा के तीसरे दिन आपके जन्मदिन के शुभ अवसर पर राघव परिवार के लाखों भक्तों के समक्ष प्रमाण पत्र व पुरस्कार दिया गया। इस महान उपलब्धि पर आपके विश्वविद्यालय में हषोल्लास का है।

कुलपति प्रो० योगेश दुबे,युवराज रामचंद्र दास, कुलसचिव आर०पी० मिश्रा, लेखाधिकारी एन० बी०गोयल, डीन डा० महेंद्र उपाध्याय ,डीन डा० विनोद मिश्रा, पीआरओ एस०पी० मिश्रा, डा० गोपाल मिश्रा, डा० ज्योति वैष्णव, डा० किरण त्रिपाठी, डा०सुनीता श्रीवास्तव, डा० सुशील त्रिपाठी, डा० हरिकांत मिश्रा, डा०मनोज पांडे, डा०मुकुंद पांडेय, शंशाक मिश्रा, पीआरओ एसपी मिश्रा आदि सभी शिक्षकों-कर्मचारियों ने पूज्य गुरुदेव को हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं दीं।

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