रांची। उद्योग सचिव वंदना डाडेल ने कहा कि विभाग उद्यमियों की समस्याओं का हल ढूंढने के लिए तत्पर है। बहुत हद तक विभाग कार्यरत है लेकिन चुनौतियां अधिक है, जिनका मिलकर समाधान किया जायेगा। कुछ पॉलिसी में संशोधन की जरूरत है, जिसे किया जायेगा। जमीन संबंधी समस्या के लिए विभाग एक कमेटी बनाकर मामले में चर्चा करेगी।

उद्योग सचिव गुरुवार को झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स समेत अन्य औद्योगिक संगठनों के सदस्यों के साथ हुई बैठक में बोल रहीं थीं। उन्होंने कहा कि चैंबर के सदस्यों से भी आग्रह है कि वे भी इस पर सुझाव विभाग को दें। जमीन लीज के मामले में अन्य राज्यों का दौरा कर मंथन किया जायेगा।

निदेशक जितेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि सर्टिफिकेट जैसी चीजों के लिए व्यापारियों को बहुत परेशान होने की जरूरत नहीं है। जरूरत है तो बस विभागीय वेबसाइट के इस्तेमाल की। विभाग के आधिकारिक वेबसाइट में सभी सुविधाएं उपलब्ध है। एक ही लॉग इन आइडी से व्यापारी इसका लाभ ले सकते है। कई मामलों में निवेशकों की ओर से भी लापरवाही दर्ज की जाती है। ऐसे में जरूरी है कि सभी तत्पर रहें।

विनोद अग्रवाल ने कहा कि हमारे राज्य के वनोपज की देश भर में मांग है। इमली की पैदावार राज्य में अधिक है लेकिन वैल्यू एडिशन नहीं होने के कारण कम कीमत में ही इमली दक्षिणी राज्यों में भेजी जाती है। इसके अलावा बांस और महुआ जैसे वनोपज पर भी सरकार को ध्यान देना चाहिये, जिससे ग्रामीण उद्योगों को बढ़ावा दिया जा सके। राज्य में निवेशकों को आकर्षित करने की योजना पर काम करने की बात रखी गयी।

व्यापारी अजय भंडारी ने कहा कि राज्य में बड़े उद्योगों को काफी महत्व दिया जाता है लेकिन राज्य के क्षेत्रीय उद्यमी काफी समस्याओं से जूझ रहे हैं। सीएनटी जमीन आवंटन के लिए भी अलग से प्रावधान हैं लेकिन सरकार और विभाग को इस मामले में पहल करने की जरूरत है। कई ऐसे मामले आए हैं जब उद्यमियों को जमीन के कारण किसी दूसरे राज्य में उद्योग लगाना पड़ता है। जमीन ट्रांसफर के लिए बने प्रावधानों में भी सुधार की जरूरत है। कोयला एक ऐसी वस्तु है, जिसका सभी उद्योगों में लगभग इस्तेमाल है लेकिन जेएसएमडीसी से कोयला भी समय पर उपलब्ध नहीं हो पाता।

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