धनबाद। केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने धनबाद में पिछले तीन चार वर्षों में काटे गए पेड़, पौधारोपण एवं री-प्लांटेशन को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। बार-बार पत्र देकर जांच रिपोर्ट मांगने के बाद भी जवाब न मिलने पर वन विभाग झारखंड को चेतावनी पत्र जारी किया है।
काटे हजारों पेड़ लगाए कितने
गोल बिल्डिंग से कांकोमठ तक आठ लेन सड़क का निर्माण किया जा रहा है। इसके निर्माण में हजारों की संख्या में पेड़ काटे गए। इसकी तुलना में न तो पौधारोपण हुआ और न ही री-प्लांटेशन किया गया जबकि, पेड़ काटने के स्थान पर री-प्लांटेशन करने का आदेश कई बार दिया गया। इतना ही नहीं सड़क के अधीन पेड़ों की संख्या और अधिष्ठापित होने वाले पेड़ों का सही आंकड़ा भी विभाग नहीं बता सका।
पार्षद निर्मल मुखर्जी ने की थी जांच की मांग
इन सब मुद्दों का हवाला देते हुए वर्तमान पार्षद निर्मल मुखर्जी ने वन एवं पर्यावरण मंत्रालय और केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय को लिखकर जांच कराने की मांग की थी। इसके बाद मंत्रालय की ओर से कई बार प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन विभाग पत्र देकर पेड़ काटने की जानकारी देने को कहा गया। एक बार फिर से पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने प्रधान मुख्य वन संरक्षक को पत्र देकर रिपोर्ट मांगी है।
25 हजार से अधिक काटे गए पेड़
इस बार मंत्रालय की ओर से कड़ा पत्र जारी किया गया है। इसमें लिखा है कि मंत्रालय को अभी तक इस मामले में कोई जवाब नहीं मिला है। तत्काल मंत्रालय को रिपोर्ट प्रेषित करें। बता दें कि पिछले सप्ताह लगातार तीन दिनों तक दैनिक जागरण ने धनबाद में पिछले कुछ वर्षों में 25 हजार से अधिक पेड़ काटने को लेकर रिपोर्ट प्रकाशित किया था। रिपोर्ट में यह भी बताया कि काटे गए पेड़ के सापेक्ष 30 फीसद भी पौधारोपण नहीं हुआ।