रांची। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस्तीफे पर रविवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि बिहार की राजनीति में इस तरह के घटनाक्रम का अनुमान पहले से ही था। मुझे आश्चर्य है कि नीतीश कुमार जैसे अनुभवी और ईमानदार नेता उनके (महागठबंधन) के साथ इतने लंबे समय तक कैसे टिके रहे।

मरांडी ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद पर निशाना साधते हुए कहा कि व्यक्ति का स्वभाव और हस्ताक्षर कभी नहीं बदलता और इसका एहसास नीतीश कुमार को इतने लंबे समय बाद हुआ। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार और लालू प्रसाद दोनों एक दूसरे से बिल्कुल अलग हैं। एक भ्रष्टाचार का पर्याय है और नीतीश जी देश के उन चुनिंदा नेताओं में से एक हैं जो अपनी ईमानदारी के लिए पहचाने जाते हैं। वह न तो भ्रष्टाचार में लिप्त हैं और न ही वंशवाद की राजनीति को बढ़ावा देने में विश्वास रखते हैं। इसके विपरीत, लालू प्रसाद भ्रष्टाचार और वंशवाद की राजनीति में गले तक डूबे हुए हैं।

नीतीश के बयान, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह भाजपा के साथ फिर से जुड़ने के बजाय मरना पसंद करेंगे, इसको लेकर मरांडी ने कहा कि भावना में बहकर इस तरह के बयान देना आम बात है लेकिन नीतीश कुमार का ऐसा मतलब कभी नहीं था। भाजपा पर जदयू को विभाजित करने की कोशिश का आरोप लगाते हुए कुमार वर्ष 2022 में महागठबंधन में शामिल हो गये थे। उन्होंने बहुदलीय गठबंधन के साथ नयी सरकार बनाई, जिसमें राजद, कांग्रेस और तीन वामपंथी दल शामिल थे।

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