ईडी ने झारखंड की कैबिनेट सचिव वंदना डाडेल के उस पत्र का जवाब भेजा है जिस पत्र के माध्यम से वंदना डाडेल ने जानकारी मांगी थी कि राज्य के सरकारी अधिकरियों को भेजे गये समन के पीछे के पूरे मामले को स्पष्ट करें. ईडी ने वंदना डाडेल को भेजे पत्र में कहा है कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में राज्य के किसी भी अधिकारी से जानकारी मांगने और समन जारी करने का कारण पूछने का राज्य सरकार को कोई अधिकार नहीं है. ईडी अमूमन भष्टाचार से जुड़े मामलों की जांच करता है. इसे जांच के लिए राज्य सरकार की मंजूरी की जरूरत नहीं है.

कैबिनेट सचिव ने ईडी से आरोपों की मांगी थी जानकारी

झारखंड की कैबिनेट सचिव वंदना दादेल ने हाल ही में ईडी को पत्र लिख कर जानकारी मांगी थी कि वह राज्य के सरकारी अधिकारियों को भेजे गये समन के पीछे के पूरे मामले को स्पष्ट करे. यह बत्रूये कि संबंधित अफसर के विरुद्ध क्या आरोप हैं, एजेंसी को जांच में उनके विरुद्ध कहां-क्या साक्ष्य मिले हैं तथा किस मामले में उनसे पूछताछ की जानी है. राज्य सरकार पूरी जानकारी मिलने के बाद ही सरकारी अधिकारियों को ईडी के सामने भेजने व नहीं भेजने के बिंदु पर निर्णय लेगी. कैबिनेट सचिव वंदना दादेल ने अपने पत्र में झारखंड सरकार की हाल में हुई कैबिनेट की बैठक में लिये गये निर्णय से ईडी को अवगत कराया है. बता दें कि झारखंड में ईडी मनरेगा घोटाला, अवैध खनन घोटाला, शराब घोटाला और जमीन घोटाला की जांच कर रहा है. बता दें 9 जनवरी को झारखंड सरकार ने कैबिनेट की बैठक में निर्णय लिया गया है कि राज्य सरकार के पदाधिकारी अब राज्य की जांच एजेंसी के अलावा अन्य किसी भी जांच एजेंसी के समन पर सीधे हाजिर नहीं होंगे. वह इन एजेंसियों को सीधे दस्तावेज या सरकारी अभिलेख भी उपलब्ध नहीं करायेंगे, समन प्राप्त होने पर उन्हें

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