रांची। झारखंड में वह हर चीज देखने को मिल रही है, जो शायद ही किसी दूसरे राज्य में देखने को मिले। सोशल मीडिया पर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता का एक लेटर पैड वायरल है। इस लेटर पैड पर लिखा है कि आलोक त्रिवेदी जो फिलहाल अभियान निदेशक के पद पर कार्यरत हैं, उन्हें अगले आदेश तक स्वास्थ्य सचिव का अतिरिक्त प्रभार दिया जाता है। बताते चलें कि इससे पहले स्वास्थ्य विभाग के सचिव अरुण कुमार थे, जो 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त हुए हैं। इसके बाद से ही यह पद खाली था। लेकिन मंत्री बन्ना गुप्ता ने खुद ही आलोक त्रिवेदी को उस पद का प्रभार दे दिया है। बताया जा रहा है कि ऐसा करना गलत है।
सीएम या सीएस किसी भी आइएएस को दे सकते हैं प्रभार
बताया जा रहा है कि मंत्री बन्ना गुप्ता या कोई भी मंत्री किसी भी आइएएस अधिकारी का तबादला नहीं कर सकते हैं। सीएस (मुख्य सचिव) अगर चाहें तो 30 दिनों के लिए किसी भी आइएएस को किसी दूसरे विभाग का या पद का प्रभार दे सकते हैं। बाकी आइएएस अधिकारियों के तबादले से जुड़ा कोई भी आदेश मुख्यमंत्री ही दे सकते हैं। लेकिन बन्ना गुप्ता ने अपने लेटर पैड पर आदेश जारी करते हुए आलोक त्रिवेदी को अगले आदेश तक स्वास्थ्य सचिव का प्रभार सौंप दिया है।
सरयू ने कहा, ऐसा करना है गलत
इस मामले को लेकर पूर्व मंत्री सरयू राय ने एक पोस्ट सोशल मीडिया एक्स पर किया है। इसमें इन्होंने इस आदेश का विरोध किया है। विरोध करते हुए कहा है कि हेमंत आपके स्वनामधन्य कांग्रेसी मंत्री बन्ना गुप्ता ने निम्नांकित ज्ञापांक अधिसूचना जारी की है, जो गलत है। इसे तुरंत रद्द करिए। यह अधिकार केवल मुख्यमंत्री का है। कार्यपालिका नियमावली ने मात्र 30 दिन के लिए यह तदर्थ अधिकार मुख्य सचिव को दिया है।
कार्मिक विभाग ने नहीं, बल्कि स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने बहाल कर दिया अपने विभाग का सचिव
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