रांची। राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि भविष्य में विकास की गति बनी रहे इसके लिए नई अवधारणाओं, नई तकनीकी और नई खोज की ओर ध्यान केंद्रित करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों की मात्रा सीमित है लेकिन विकास के लिए इसका लगातार दोहन किया जा रहा है। हमें वैकल्पिक मेटेरियल के उपयोग की दिशा में कार्य करना पड़ेगा। इस सेमिनार में भाग लेने वाले विद्वान और अनुभवी लोग इस दिशा में अपने विचार साझा करेंगे।

राज्यपाल शनिवार को रांची के जेवियर्स कॉलेज में आयोजित इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन एडवांस इन नावेल मेटेरियल्स टूवर्ड्स सस्टेनेबल फ्यूचर (आईसीएएन-2024) में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि सेंट जेवियर्स कॉलेज का गौरवशाली इतिहास रहा है। यहां के विद्यार्थी समाज के विभिन्न क्षेत्रों में अपना योगदान दिया है। यह बहुत गर्व कि बात है की सेंट जेवियर्स कॉलेज के भौतिकी शाखा की स्थापना 1944 ई. में हुई थी। भौतिकी शाखा सहित अन्य विद्यार्थियों को भी इस सेमिनार से विज्ञान के क्षेत्र में हो रहे नित्य नए बदलाव की जानकारी उन्हें मिलेगी। इससे वे नए प्रयोग, नई खोज एवं नई तकनीक विकसित करने के लिए प्रेरित होंगे।

राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री विज्ञान को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं और लगातार प्रोत्साहित करते रहते हैं। चन्द्रयान-2 के पूर्ण रूप से सफल नहीं होने पर उन्होंने वैज्ञानिकों को प्रोत्साहित किया और फिर चन्द्रयान-3 का सफल लैंडिंग हुआ। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत विश्व की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का देश बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने ‘विकसित भारत 2047’ का नारा दिया है। राज्यपाल ने सभी से उत्साहपूर्वक विकसित भारत के निर्माण में योगदान देने के लिए आह्वान किया।

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