रांची। झारखंड हाई कोर्ट ने बुधवार को सांसद निशिकांत दुबे को प्लेन से दिल्ली जाने के दौरान देवघर में रोक जाने के खिलाफ दिल्ली में दर्ज जीरो एफआईआर को निरस्त करने के लिए देवघर के तत्कालीन उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री (वर्तमान में उपायुक्त जमशेदपुर) की याचिका की आंशिक सुनवाई की।
जस्टिस राजेश कुमार की कोर्ट ने याचिकाकर्ता मंजूनाथ भजंत्री के खिलाफ अगले आदेश तक पीड़क कार्रवाई पर रोक जारी रखी है। पूर्व की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से बताया गया था कि दिल्ली में दर्ज कराया गया जीरो एफआईआर झारखंड पुलिस को सौंप दिया गया है।
पूर्व की सुनवाई में कोर्ट को बताया गया था कि निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया है कि 31 अगस्त, 2022 को शाम में जब वह प्लेन से दिल्ली जा रहे थे तो तत्कालीन देवघर उपायुक्त मंजूनाथ के कहने पर सुरक्षाकर्मियों ने देवघर एयरपोर्ट पर उन्हें रोका और जान से मारने की धमकी भी दी। उनके सरकारी कार्य में बाधा डालने का भी निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया है। याचिकाकर्ता का कहना था कि उनके खिलाफ लगाये गये सारे आरोप निराधार हैं। इसलिए इससे संबंधित जीरो एफआईआर को रद्द किया जाये।