Close Menu
Azad SipahiAzad Sipahi
    Facebook X (Twitter) YouTube WhatsApp
    Wednesday, December 31
    • Jharkhand Top News
    • Azad Sipahi Digital
    • रांची
    • हाई-टेक्नो
      • विज्ञान
      • गैजेट्स
      • मोबाइल
      • ऑटोमुविट
    • राज्य
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
    • रोचक पोस्ट
    • स्पेशल रिपोर्ट
    • e-Paper
    • Top Story
    • DMCA
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Azad SipahiAzad Sipahi
    • होम
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खलारी
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुर
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ़
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सरायकेला-खरसावाँ
      • साहिबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • विशेष
    • बिहार
    • उत्तर प्रदेश
    • देश
    • दुनिया
    • राजनीति
    • राज्य
      • मध्य प्रदेश
    • स्पोर्ट्स
      • हॉकी
      • क्रिकेट
      • टेनिस
      • फुटबॉल
      • अन्य खेल
    • YouTube
    • ई-पेपर
    Azad SipahiAzad Sipahi
    Home»Jharkhand Top News»पांच वर्षों में भी पूरी नहीं हुआ खूंटी शहरी जलापूर्ति योजना का काम
    Jharkhand Top News

    पांच वर्षों में भी पूरी नहीं हुआ खूंटी शहरी जलापूर्ति योजना का काम

    azad sipahi deskBy azad sipahi deskJanuary 7, 2024No Comments4 Mins Read
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram LinkedIn Pinterest Email

    -दो वर्षों में पूरी होनी थी योजना, पांच वर्षों में महज 40 फीसदी काम

    खूंटी । खूंटी शहरी क्षेत्र में आगामी 40 वर्षों की संभावित जनसंख्या को ध्यान में रखकर पांच वर्ष पहले शुरू की गई खूंटी शहरी जलापूर्ति योजना अपनी कछुए की चाल के कारण अब भी अधर में लटकी है। 59.54 करोड़ की लागत से बनने वाली इस परियोजना को दो साल में पूरा करना था, लेकिन कार्यकारी एजेंसी जुडको के अधिकारियों की लापरवाही के कारण पांच वर्षों के बाद भी 40 फीसदी भी काम नहीं हुआ है। शहरी जलापूर्ति योजना से निर्बाध पानी मिलने का सपना संजोए शहर के लोगों के लिए यह योजना अभी दूर की कौड़ी है।

    59.54 करोड़ की लगात वाली खूंटी शहरी जलापूर्ति योजना का एकरारनामा 18 जनवरी 2019 को हुआ था। एकरारनामा के अनुसार दो वर्षों में योजना को पूरा करना था, लेकिन जिस गति से काम हो रहा है, उससे तो यही लगता है कि दस वर्षों में भी शायद ही यह योजना पूरी हो। खूंटी नगर पंचायत क्षेत्र में आगामी 40 वर्ष बाद तक बढ़नेवाली आबादी को पर्याप्त पानी उपलब्ध हो सके, इसे ध्यान में रखकर तत्कालीन ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा के प्रयास से एनडीए सरकार ने विश्व बैंक संपोषित खूंटी शहरी जलापूर्ति योजना शुरू की थी। वर्ष 2018 में तत्कालीन नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने नगर भवन में शिलान्यास किया था।

    जुडको की देखरेख में चल रही इस महत्वाकांक्षी योजना का काम तमिलनाडु के श्रीराम ईपीसी को सौंपा गया है। कंपनी द्वारा जिस कच्छप गति से काम को अंजाम दिया जा रहा है, उससे यह कतई संभव नहीं कि काम 2024 में तो क्या 2030 तक भी योजना पूरी हो सकेगी।

    योजना में धीमे काम को लेकर कई बार जिले के उपायुक्त कंपनी के अधिकारियों को फटकार भी लगा चुके है, लेकिन कंपनी की कार्यप्रणाली में कोई सुधार नहीं हो रहा है। इस महत्वपूर्ण योजना में एक नया फिल्ट्रेशन प्लांट शहर के विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग क्षमता के तीन नये जलमीनार का निर्माण करना है। साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में पाइपलाइन भी बिछानी है। इनमें से फिल्ट्रेशन प्लांट और जलमीनारों के निर्माण का काम अभी पूरी नहीं हुई है।

    वहीं कई क्षेत्रों में पाइपलाइन बिछाने का काम कर दिया गया है। पाइप लाइन बिछाने के नाम पर कई क्षेत्रों में पक्की पीसीसी सड़क को खोदकर अस्त-व्यस्त कर दिया गया है। संवेदक कंपनी का कहना है कि योजना में सड़क मरम्मत का प्रावधान है, लेकिन पाइपलाइन में पानी आपूर्ति का टेस्ट करने के बाद सड़क की मरम्मत की जाएगी। यहां प्रश्न उठता है कि योजना का अन्य महत्वपूर्ण कार्य अभी प्रारंभिक चरण में है, तो सड़कों को बर्बाद करना कहां तक उचित है।

    विलंब के लिए राज्य सरकार जिम्मेवार: नीलकंठ सिंह मुंडा

    जलापूर्ति योजना की धीमी गति के संबंध में पूछे जाने पर खूंटी के विधायक और राज्य के तत्कालीन ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि खूंटी शहरी जलापूर्ति में हो रही देरी के लिए राज्य सरकार पूरी तरह जिम्मेवार है। उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं सरकार विधानसभा में भी इस योजना को लेकर गलत जानकारी देती है।

    विधायक ने कहा कि कुछ दिन पहले जब उन्होंने विधानसभा में मामले को उठाया, तो सरकार द्वारा 95 फीसदी काम पूरा हो चुका है, जबकि धरातल पर मुश्किल से 40 फीसदी ही काम हुआ है। ऐसा नहीं है कि विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा इस मामले कों पहली बार विधानसभा में उठाया हो। इसके पहले भी वे विधानसभा में खूंटी शहरी जलापर्ति योजना की धीमी प्रगति का मामला उठा चुके हैं। खूंटी के विधायक इसके पहले भी तारांकित प्रश्न के तहत मामला उठा चुके हैं। उस समय विभाग के मंत्री द्वारा बताया गया था कि जनवरी 2022 तक योजना पूरी हो जाएगी, लेकिन जनवरी 2024 तक महज 40 फीसदी ही काम हो सका है।

    Share. Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleअबुआ आवास योजना के छूटे आवेदनों की अब ऑनलाइन इंट्री नौ तक होगी
    Next Article मणिपुर पुलिस ने 192 लोगों को लिया हिरासत में
    azad sipahi desk

      Related Posts

      JSSC-CGL : सीएम हेमंत सोरेन ने 1910 युवाओं को दिया नियुक्ति पत्र

      December 30, 2025

      पेसा कानून की मूल भावना के खिलाफ है राज्य सरकार की नियमावली : रघुवर दास

      December 30, 2025

      लोकतंत्र की वास्तविक शक्ति जनता से जुड़ाव में निहितः राज्यपाल

      December 30, 2025
      Add A Comment

      Comments are closed.

      Recent Posts
      • JSSC-CGL : सीएम हेमंत सोरेन ने 1910 युवाओं को दिया नियुक्ति पत्र
      • पेसा कानून की मूल भावना के खिलाफ है राज्य सरकार की नियमावली : रघुवर दास
      • भारत ने पकड़ी सुधारों की तेज रफ्तार, ‘रिफॉर्म एक्सप्रेस’ पर सवार हुआ देश: प्रधानमंत्री
      • लोकतंत्र की वास्तविक शक्ति जनता से जुड़ाव में निहितः राज्यपाल
      • बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया का निधन, 80 साल की उम्र में ली अंतिम सांस
      Read ePaper

      City Edition

      Follow up on twitter
      Tweets by azad_sipahi
      Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
      © 2025 AzadSipahi. Designed by Microvalley Infotech Pvt Ltd.

      Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

      Go to mobile version