नीतीश कुमार की लंका में आग लगने वाले मोदी के हनुमान और लोजपा (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान क्या एनडीए में चिराग जलाएं रखेंगे? सत्ता परिवर्तन के बीच राजनीतिक गलियारों में इसी यक्ष प्रश्न का जवाब ढूंढा जाने लगा है। बिहार विधान सभा में तीसरे नंबर की पार्टी के नेता बन कर रह गए नीतीश कुमार क्या चिराग को साथ साथ झेल पाएंगे? या चिराग पासवान जिन्होंने अपने पिता रामविलास पासवान के बारे में नीतीश कुमार की नकारात्मक टिप्पणी सुनी थी, क्या वो एक प्लेटफार्म पर सहज रह पाएंगे?गुरुवार को जब स्थितियां जदयू के एनडीए में आने के अनुकूल लग रही थी तब चिराग पासवान मीडिया के सामने सत्ता परिवर्तन को ले कर उत्साहित बयान नहीं दे पा रहे थे। तब मीडिया के सामने उत्साहित रहने वाले चिराग बुझ बुझे नजर आए। अक्सर मीडिया को एंटरटेन करने वाले चिराग पासवान एक मिनट भी मीडिया के साथ नहीं रहे। और उस दौरान चिराग पासवान ने जो प्रतिक्रिया व्यक्त की वो बिलकुल औपचारिक थी। ‘राज्य हित में होगा तो सोचेंगे! अभी बहुत कुछ क्लियर नहीं हुआ है चीजें पकने दें।’

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