गुमला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम जनमन लाभार्थियों के साथ बातचीत की। इस क्रम में उन्होंने गुमला की शशि किरण बिरिजिया से बात की। उन्होंने उनसे जानना चाहा कि जनमन योजना का लाभ उन्हें कितना मिल रहा है। इस योजना से गांव में क्या बदलाव आया है। जवाब में शशि किरण बिरिजिया ने कहा कि हमारे परिवार में नल-जल मिशन के तहत पानी मिला है। बिजली मिली है। सड़कें मिली हैं। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत हमारे पिता को पैसा मिला है। जनमन से आवास मिल रहा है। हमें रोजगार के लिए ऋण मिला है। इस पर प्रधानमंत्री ने उनसे जानना चाहा कि लोन के पैसे से आप क्या कर रही हैं। जवाब में शशि किरण बेदिया ने कहा कि उस पैसे से हमने फोटो कॉपी मशीन लगायी है। हमारे गांव के आसपास फोटो कापी की मशीन नहीं थी। लोगों को बहुत दूर जाना पड़ता था। मशीन लगा देने से लोगों को बहुत लाभ मिला है। रोजगार अच्छा चल रहा है। उन्होंने कहा कि हमने महिलाओं का एक समूह बनाया है। उसमें बारह सदस्य हैं। सभी सदस्यों ने अचार बनाने की ट्रेनिंग ली है। सभी मिल कर गांव में अचार बनाते हैं। इसमें कई तरह के अचार बनते हैं। आम का अचार, आंवला का अचार, करील का अचार। अचार की खूब बिक्री हो रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री से यह भी कहा कि हम अपना अचार आपको भेजेंगे, उसे खाकर आप बताइयेगा कि उसका स्वाद कैसा है। उन्होंने कहा कि अचार बेचने के लिए रोड किनारे दुकान लगाते हैं। उसमें बहुत लोग आते हैं। दूर-दूर के लोग अचार ले जाते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि जनमन योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने के लिए, उसकी जानकारी देने के लिए हमारे गांव में शिविर लगाये जा रहे हैं। लोगों को जानकारी मिल रही है। यह सुन कर प्रधानमंत्री ने खुशी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि आपकी बात सुन कर हमें काफी प्रसन्नता हो रही है कि योजनाओं का लाभ आप लोगों तक पहुंच रहा है। केंद्र सरकार की योजनाएं वे चाहे पशुपालन हो, गांव का विकास हो, जनमन अभियान के तहत इसकी गति काफी बढ़ गयी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले दस साल से हम प्रयास कर रहे हैं कि सरकारी योजनाओं का लाभ सभी तक पहुंचें। योजनाएं हर इलाके में पहुंचेंगी, यह मोदी की गारंटी है। शशि किरण बेदिया ने कहा प्रधानमंत्री को गुमलावासियों के लिए खासकर जनजातीय भाई बहनों के लिए दी गयी योजनाओं के लिए आभार जताया। उन्होंने कहा कि पहले योजनाएं गरीबों तक नहीं पहुंच पाती थीं। आज आपकी योजनाएं पहुंच रही हैं। योजनाओं के लिए पूरे गुमलावासियों की तरफ से बहुत-बहुत धन्यवाद।
कार्यक्रम के समापन पर प्रधानमंत्री ने देशवासियों को शुभकामनाएं दीं। कहा कि उत्तरायण, मकर संक्रांति, पोंगल, पिहू कितने ही त्यारों का उमंग चारों तरफ छाया हुआ है। इस आयोजन ने इस उमंग को और शानदार बना दिया है। आज अयोध्या में दीपावली मनायी जा रही है, तो दूसरी ओर एक लाख अति पिछड़े मेरे जनजातीय भाई बहन के घर दिवाली मन रही है। यह अपने आप में मेरे लिए बहुत खुशी है। आज उनके खाते में पैसे ट्रांसफर किये जा रहे हैं। सभी परिवारों को बधाई देता हूं, शुभकामनाएं देता हूं। मेरे लिए यह आनंद की बात है। आज से आपके घरों का काम शुरू होने जा रहा है। मुझे विश्वास है कि इस साल की दीपावली आप अपने पक्के घरों में जरूर मनायेंगे। जल्दी से जल्दी मकान का काम कीजिए। आप मन में पक्का कर लीजिए कि इस बार दीपावली आपको अपने घर में मनानी है। कुछ दिनों के बाद 22 जनवरी को रामलाल भी अपने भव्य और दिव्य मंदिर में हमें दर्शन देंगे। आपने इतना बढ़ा दायित्व दिया है। मैंने भी एक संकल्प किया हूं। आप तो जानते ही हैं कि श्रीराम मर्यादा पुरुषोत्तम राम तब बने, जब उन्हें जनजातीय माता शबरी का आशीर्वाद मिला। मर्यादा पुरुषोत्तम बनने में निषाद भाई का बहुत बड़ा योगदान है। दशरथ पुत्र राम मर्यादा पुरुषोत्तम तब बने, जब उन्होंने आदिवासी माता शबरी के बेर खाये। राम की कथा तब तक पूर्ण नहीं होती, जब तक उसमें गरीब न आयें, वंचित न आयें। वनवासी न आयें। इनके कल्याण के लिए बना कोई आगे नहीं बढ़ सकता। प्रधानमंत्री ने कहा कि गरीबों के कल्याण के ध्येय के साथ ही हम लगातार काम कर रहे हैं। हमने दस साल गरीबों को समर्पित किये। आज गरीबों की पूछ हो रही है, उन्हें पूजा भी जा रहा है। सरकार आप तक पहुंचे, सरकारी योजनाएं अति पिछड़े मेरे जन जातीय भाई बहनों तक पहुंचें, पीएम जन मन महाअभिशन का यही उद्देश्य है। हमें खुशी है कि सिर्फ दो महीने में जन मन अभियान में वह हो गया है, जो पहले कभी नहीं हुआ। पीएम ने कहा कि जब भगवान बिरसा मुंडा की जन्मतिथि पर सरकार ने यह अभियान शुरू किया था तो हम सबके सामने चुनौती बहुत बड़ी थी। हमारे जनजातीय भाई जो दूर पहाड़ों पर रहते हैं, दुर्गम जगहों पर रहते हैं। इन तक पहुंचना बहुजत कठिन था। लेकिन हमें खुशी है कि इस महाअभियान में लगे अधिकारियों-कर्मचारियों की मेहनत की वहज से हम वहां पहुंच रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारा काफी वक्त आदिवासी भाई बहनों के बीच गुजरा है। इसका मार्गदर्शन राष्टÑपति द्रोपदी मुर्मू से हमें मिला। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने पांच सौ नये एकलव्य विद्यालय बनाने की ठानी है। हम हाट बाजारों को भी बढ़ावा दे रहे हैं। हमारी सरकार जनजातीय संस्कृति की सुरक्षा के लिए काम कर रही है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने एक लाख आदिवासियों के कल्याण के लिए पहली किस्त जारी की। उन्होंने कहा कि जो मुसीबतें आपके परिवार ने उठायी हैं, वे मुसीबतें आपको नहीं उठानी पड़ेंगी। उन्होंने कहा कि माताओं-बहनों के सम्मान के लिए हर घर में शौचालय होगा। उन्होंने कहा कि मोदी की गारंटी वाली गाड़ी गांव-गांव तक पहुंच रही है। 80 हजार से ज्यादा अति पिछड़े जनजातीय परिवारों तक आयुष्मान कार्ड पहुंचा है। 30 हजार अति पिछड़े किसानों को किसान सम्मान योजना से जोड़ा है। उन्होंने गारंटी दी कि अब कोई भी हमारा आदिवासी भाई-बहन सरकारी योजनाओं से छूटेगा नहीं। उन्होंने कहा कि सरकार ने 90 वनोपज उत्पाद के लिए एमएसपी तय की है।