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    Home»देश»प्राण-प्रतिष्ठा के बाद रामलला की मूर्ति का बदल गया स्वरूप
    देश

    प्राण-प्रतिष्ठा के बाद रामलला की मूर्ति का बदल गया स्वरूप

    SUNIL SINGHBy SUNIL SINGHJanuary 26, 2024Updated:January 26, 2024No Comments2 Mins Read
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     राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा के बाद रामलला के मूर्ति का स्वरूप बदल गया। रामलला की मूर्ति गढ़ने वाले अरुण योगीराज ने बताया कि जब उन्होंने प्राण-प्रतिष्ठा के बाद रामलला के दर्शन किए तो मंत्रमुग्ध रह गए। उन्हें भरोसा नहीं हुआ कि रामलला को उन्हीं ने गढ़ा है। प्राण-प्रतिष्ठा से पहले वह दस दिनों तक अयोध्या में ही रहे। उन्होंने कहा कि गर्भगृह में प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामलला के विग्रह के भाव बदल गए। उनकी आंखें जीवंत हो गई और होठों पर बाल सुलभ मुस्कान आ गई। प्राण-प्रतिष्ठा के बाद उनके विग्रह में देवत्व का भाव आ गया। रामलला की मूर्ति ढाई अरब साल पुराने काले ग्रेनाइट पत्थर से बनाई गई है, जिसे कृष्णशिला का नाम दिया गया। इसे कर्नाटक के जयपुरा होबली गांव से अयोध्या लाया गया। इसकी खासियत है कि इस पत्थर पर मौसम और पानी का असर नहीं होता है। अगर विग्रह पर दूध या जल से अभिषेक किया जाएगा तो भी कृष्णशिला पानी नहीं सोखेगा। अरुण योगीराज ने इस 51 इंच की रामलला की मूर्ति को बनाने में सात महीने लगे। उन्हें रामलला की खासियत बताते हुए दायित्व सौंपा गया था। पांच साल के बच्चे की छवि गढ़ने के लिए उन्होंने काफी रिसर्च किया। शिल्पशास्त्र की कई किताबें पढ़ीं। मुस्कान और हावभाव समझने के लिए स्कूलों में जाकर बच्चों से मिले। कई स्केच बनाए। कृष्णशिला पर हाथ आजमाने से पहले उन्होंने टेक्नोलॉजी का सहारा भी लिया। अरुण योगीराज इसे बनाने के लिए आधी-आधी रात तक जगते रहे। पांच साल के रामलला को बनाने के लिए बारीकियों का ध्यान रखा। इसके बाद भी वर्कशॉप में रखी मूर्ति की छवि और प्राण-प्रतिष्ठा के बाद विग्रह के स्वरूप में फर्क साफ नजर आया।

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