रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। एक तरफ रांची जमीन घोटाले को लेकर ईडी की कार्रवाई, विपक्ष का सामना, राज्य में बिगड़ता राजनीतिक माहौल और अब पारिवारिक कलह।
कल दिल्ली से रांची लौटने के बाद मुख्यमंत्री ने विधायकों के साथ बैठक की। इसमें उनकी पत्नी कल्पना सोरेन भी मौजूद रहीं। विधायक दल की बैठक में सीएम बनाए जाने संबंधी चर्चा पर कल्पना सोरेन का नाम छिड़ा, तो भाभी सीता सोरेन नाराज हो गईंं। वह मंगलवार को हुई बैठक में शामिल नहीं हुई।
कौन हैं सीता सोरेन
सीता सोरेन झामुमो मुक्ति मोर्चा के प्रमुख रहे शिबू सोरेन की बड़ी बहू और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भाभी हैं। वह दुमका की जामा विधानसभा सीट से तीन बार की विधायक हैं। साल 2009 में शिबू सोरेन के बड़े बेटे व झामुमो के तत्कालीन महासचिव दुर्गा सोरेन की बोकारो में संदेहास्पद स्थिति में मौत हो गई थी। वह उस वक्त महज 39 साल के थे। मौत की वजह किडनी फेल होना बताया गया।
बड़े भाई के निधन के बाद ही हेमंत सोरेन का पार्टी में कद बढ़ा। हालांकि, बावजूद इसके हेमंत की कैबिनेट में कभी उन्हें शामिल नहीं किया गया। इसे लेकर कहीं न कहीं उनके मन में आक्रोश है। सीता सोरेन अकसर राज्य में अवैध खनन और परिवहन के मुद्दे को लेकर मुखर रही हैं। उनका यह ट्वीट इस बात का सबूत है, जिससे सत्तातारूढ़ पार्टी के दिग्गजों को ही असहज कर दिया था।
बेटियों ने पिता के नाम पर बनाई पार्टी
ओडिशा के मयूरभंज में पैदा हुईं सीता सोरेन 12वीं तक की पढ़ाई की हैं। उनके पिता का नाम बोदु नरायन मांझी और मां का नाम मालती मुर्मू हैं। उनकी तीन बेटियां हैं। सीता सोरेन पढ़ने की भी शौकीन हैं और साहित्य के क्षेत्र में मुंशी प्रेमचंद्र को अपना आदर्श मानती हैं।
साल 2021 के अक्टूबर में उनकी दो बेटियों राजश्री सोरेन और जयश्री सोरेन ने अपने पिता के नाम पर एक पार्टी का गठन किया था। इसका नाम दुर्गा सोरेन सेना रखा गया। दोनों ने कहा था कि इसका मकसद राज्य में भ्रष्टाचार, विस्थापन, जमीन की लूट समेत अन्य मसलों पर संघर्ष करना है। उनकी बेटी राजश्री ने बिजनेस मैनेजमेंट और जयश्री ने कानून की पढ़ाई की है।