-नैना भीगे-भीगे जायें, कैसे खुशी ये छुपायें राम…
-रज-रज में उल्लास, उमंग की प्रतिष्ठा
-मंदिरों में उमड़ा आस्था का सैलाब
रांची। श्रीराम जयराम, जय जय राम…के जयकारे के साथ सोमवार को सुबह से ही राजधानी के रज-रज में उल्लास, उमंग और उत्साह की प्रतिष्ठा दिखी। दिन चढ़ने के साथ ही पूजा-अर्चना, भंडारा का दौर भी शुरू हुआ। सुबह से ही मंदिरों में आस्था का सैलाब उमड़ता रहा। रामभक्ति की ऐसी बयार चली कि सभी इसमें सराबोर हो गये। समय के साथ इस उत्सवी उमंग के बीच रज-रज में उल्लास प्रवाहित और प्रतिष्ठित होता दिखा।
अयोध्या में भगवान प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा हो गयी है। रांचीवासी अपने आराध्य प्रभु श्रीराम के स्वागत के लिए पलके बिछाये हुए थे। इंतजार ऐसा कि उन्होंने अपना घर श्रीराम के लिए सजा रखा था। शाम को दीपावली मनाने की तैयारी भी तेज हो गयी थी। चहुंओर राम नाम की लहर दिखी। दीपक और वंदनवार घरों पर लटके नजर आये। देवालयों से लेकर घर-घर, सड़कों तक धूमधाम के साथ प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव मनाया गया। घर-घर और सड़कों पर प्रभु श्रीराम की तस्वीर वाला भगवा ध्वज दिखा। ऐसा हो भी क्यों नहीं, 500 वर्षों के लंबे संघर्ष के बाद भगवान श्रीराम अपनी जन्मभूमि पर भव्य मंदिर में विराजे हैं। इसे लेकर रांची के घर-आंगन आलोकित करने के लिए बिजली के आकर्षक झालर लगाये गये। मनभावन रंगोली सजायी गयी। या यूं कहें कि ऐसा पहला मौका था, जब रामनवमी और दीपावली एक साथ मनी, तो गलत नहीं होगा।