-पूर्व गृह राज्य मंत्री लुत्फुज्जमां बाबर सहित पांच को किया बरी
ढाका। बांग्लादेश हाइकोर्ट ने उल्फा नेता परेश बरुआ को लेकर बुधवार को अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने उनके आजीवन कारावास की सजा को घटाकर 14 साल कर दिया है। इससे पहले कोर्ट ने उनकी मौत की सजा को रद्द कर दिया था और उसे आजीवन कारावास में बदल दिया था।
अटॉर्नी जनरल के ब्यूरो के एक अधिकारी ने बुधवार को कहा कि बांग्लादेश हाइकोर्ट ने दो दशक पहले असम में अलगाववादी समूह के ठिकानों पर हथियारों से भरे ट्रकों की तस्करी करने के प्रयास के सिलसिले में उल्फा नेता परेश बरुआ की उम्रकैद की अवधि को 14 साल कर दिया है। साथ ही चार बांग्लादेशियों की आजीवन कारावास की सजा को माफ कर दिया है।
हाइकोर्ट ने बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के पूर्व गृह राज्य मंत्री लुत्फुज्जमां बाबर और पांच अन्य को बरी कर दिया, जिन्हें इसी मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। पीठ ने अन्य तीन आरोपियों की अपील को भी समाप्त घोषित कर दिया, क्योंकि उनकी मृत्यु हो गई थी।
बतादें कि अप्रैल 2004 में ट्रक भर हथियार जब्त किए गए थे, जिन्हें चटगांव के माध्यम से पूर्वोत्तर भारत में उल्फा के ठिकानों पर ले जाया जा रहा था। जब्त किए गए हथियारों में 27,000 से अधिक ग्रेनेड, 150 रॉकेट लांचर, 11 लाख से अधिक गोला-बारूद, 1,100 सब मशीन गन और 11.41 मिलियन गोलियां शामिल थीं। इसी मामले में कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।