नवादा। जिले में ठंड का प्रकोप बीते पांच दिनों से जारी है। लोगों का आधे दिनों तक घर से निकलना मुश्किल हो गया है। शीतलहर के साथ हाड़ कपकांपने वाली ठंड में हाइवे पर वाहनों का परिचालन भी प्रभावित हो गया है। कोहरा के कारण मंगलवार काे ट्रेनों के परिचालन पर भी असर पड़ रहा है। विभाग फॉग सिग्नल के माध्यम से ट्रेनों का सुरक्षित परिचालन करा रही है।
घने कोहरे के कारण मंगलवार को हावड़ा-गया एक्सप्रेस वारिसलीगंज स्टेशन पर लगभग 45 मिनट विलम्ब से पहुंची। वहीं पारा के लुढ़कने से जन-जीवन भी अस्त-व्यस्त हो गया है। कनकनी के साथ उठी शीतलहर में सावधानी बरतने का समय आ चुका है। जिले में मंगलवार को न्यूनतम ठंड का पारा 8 डिग्री और अधिकतम 20 डिग्री रिकॉर्ड किया गया है। ठंड के कहर में धूप का दिदार भी करना लोगों के लिये मुश्किल हो गया है। दोपहर बाद चंद समय के लिये ही मंगलवार को लोगों ने धूप का दिदार किया। हालांकि अगले दो-तीन दिनों बाद भी ठंड का पारा कम होने के आसार नहीं दिख रहे है।
रजौली अनुमंडल के जंगली व पहाड़ी इलाकों में सबसे ज्यादा ठंड का प्रभाव बना हुआ है। जिला प्रशासन की ओर से बढ़ती ठंड को लेकर अलाव की व्यवस्था तो की गई है, लेकिन वह पर्याप्त नहीं हो रहा है। ठंड का सबसे ज्यादा असर अस्पतालों में देखने को मिल रहा है, जहां अधिकांश मरीज कोल्ड से प्रभावित हैं। सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में ठंड से बचने की कोई ठोस व्यवस्था नहीं है। रात भर यहां मरीजों का आना होता है, बावजूद हीटर जैसी महत्वपूर्ण उपकरणों की व्यवस्था नहीं है। नर्स कक्ष की बात करें तो यहां गरमाहट वाले हीटर तो लगी है, लेकिन मरीजों को ठंड में बगैर हीटर के ही रहना पड़ रहा है, जिससे कोल्ड ग्रसित मरीजों की परेशानी बढ़ी हुई है।
ठंड का कहर इस कदर बढ़ गया है कि दोपहर तक सरकारी दफ्तर व बाजार में लोगों की संख्या काफी कम हो गई है। इसके अलावा एनएच-20 पर वाहनों का परिचालन भी कम हो गई है। कुछेक वाहन चालक सड़क पर कम रफ्तार से वाहन चला रहे हैं, वह भी दिन में लाईट जलाकर। वहीं दोपहर बाद थोड़ी बहुत धूप निकलने पर लोग कार्यालय से बाहर धूप सेकने पहुंच जा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर सदर अस्पताल में मरीजों के लिए अलाव की व्यवस्था तो है, परंतु वह उंट के मुंह में जीरा के फोरन समान है।जिले में ठंड का सितम इतना बढ़ गया है कि आम जन-जीवन पूरी तरह से प्रभावित हो गया है। कोहरा का ऐसा असर देखने को मिला कि सामने से आ रही वाहन भी दिखाई नहीं पड़ रही थी। जरूरी काम से निकले लोग सड़क पर काफी संभल कर चल रहे थे, बावजूद सड़क हादसे का डर लोगों को सता रहा था।