हाइकोर्ट ने राज्य और केंद्र सरकार से मांगा जवाब
-पार्थी ने पारसनाथ पहाड़ के पास शराब और मांस बिक्री, अतिक्रमण जैसे कार्य के विरोध में जनहित याचिका दायर की है
रांची। जैन धर्म के प्रमुख धार्मिक स्थल पारसनाथ पहाड़ को जैन धर्म धर्मावलंबियों की भावनाओं के अनुरूप रखने को लेकर जैन संस्था ज्योत की ओर से दायर जनहित याचिका की सुनवाई झारखंड हाइकोर्ट में हुई। मामले में हाइकोर्ट ने केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। कोर्ट ने महाधिवक्ता राजीव रंजन से मौखिक रूप से कहा है कि किसी की धार्मिक भावना को ठेस लगना एक गंभीर मामला है। धार्मिक स्थलों को श्रद्धालुओं के लिए संरक्षित रखना चाहिए। मामले की अगली सुनवाई 19 फरवरी को होगी। इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से कोर्ट को बताया गया कि विगत कई वर्षों से पारसनाथ पहाड़ जो जैन धर्म का धार्मिक स्थल है वहां शराब एवं मांस बिक्री, अतिक्रमण जैसे कार्य हो रहे हैं, लोग यहां पिकनिक मनाने भी आते हैं।
राज्य सरकार इस पर अंकुश नहीं लगा पा रही है। राज्य सरकार इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कर रही है, इस धार्मिक स्थल पर शराब एवं मांस की बिक्री होना धर्मावलंबियों की भावनाओं को आहत पहुंचा रहा है। केंद्र सरकार के मिनिस्ट्री आफ एनवायरमेंट एंड फॉरेस्ट क्लाइमेट चेंज ने 5 जनवरी 2023 को एक नोटिफिकेशन जारी कर माना है कि पारसनाथ पहाड़ी पर जो भी कार्य किया जाये वह जैन धर्म की भावना को ध्यान में रखकर किया जाये, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। प्रार्थी की ओर से वरीय अधिवक्ता डैरियस खंबाटा, अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा, खुशबू कटारुका, शुभम कटारुका ने पक्ष रखा।