इस्लामाबाद। पाकिस्तान के बहुचर्चित अल-कादिर ट्रस्ट केस में आखिरकार आज अदालत ने फैसला सुना दिया। इस केस में अपदस्थ प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) संस्थापक इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी पर करीब 50 अरब रुपयों (लगभग 190 मिलियन पाउंड) की हेराफेरी करने का आरोप है। अदालत ने इमरान खान को 14 साल और बुशरा को सात साल जेल की सजा सुनाई। इमरान लंबे समय से रावलपिंडी सेंट्रल जेल (अदियाला जेल) में बंद हैं।

डॉन समाचार पत्र की खबर के अनुसार, इस्लामाबाद की भ्रष्टाचार विरोधी अदालत के जज नासिर जावेद राणा ने अदियाला जेल में बनाए गए एक अस्थायी अदालत कक्ष में फैसले की घोषणा की। अदालत ने इमरान और बुशरा पर क्रमशः 10 लाख रुपये और 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। फैसले के मद्देनजर अदियाला जेल के बाहर सुरक्षा का कड़ा इंतजाम किया गया। आम चुनाव के फौरन बाद 27 फरवरी, 2024 को इस मामले में दंपति को दोषी ठहराया गया था।

आज फैसला आने से पहले अदियाला जेल के बाहर मीडिया से बातचीत में पीटीआई अध्यक्ष बैरिस्टर गौहर अली खान ने कहा, ”आप पिछले दो वर्षों में हुए अन्याय का अनुमान लगा सकते हैं। अगर निष्पक्ष फैसला हुआ तो इमरान और बुशरा बरी हो जाएंगे।”

उल्लेखनीय है कि इस केस में आरोप है कि इमरान और बुशरा बीबी ने 50 अरब रुपये को वैध बनाने के लिए बहरिया टाउन लिमिटेड से अरबों रुपये और सैकड़ों कनाल की जमीन प्राप्त की। दिसंबर 2023 में राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) ने अल-कादिर ट्रस्ट के संबंध में इमरान और उनकी पत्नी सहित सात अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया था।

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