नई दिल्ली। पिछले कुछ समय से डॉलर के मुकाबले लगातार कमजोरी दिख रहा रुपया आज 28 पैसे की मजबूती के साथ 86.36 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर बंद हुआ। माना जा रहा है कि डॉलर इंडेक्स में आई गिरावट और अमेरिका के 10 ईयर ट्रेजरी यील्ड की कमजोरी के कारण भारतीय मुद्रा रुपये की कीमत में डॉलर की तुलना में लगातार दूसरे सत्र में तेजी की स्थिति बनी है।
मार्केट एक्सपर्ट्स के अनुसार अमेरिकी इक्विटी मार्केट में गिरावट और कच्चे तेल की कीमत में आई नरमी से भी रुपये को सहारा मिला है। इसके साथ ही अमेरिका में प्रोड्यूसर प्राइस इंडेक्स (पीपीआई) में आई कमजोरी के कारण भी अमेरिकी डॉलर का रुख नरम हुआ है। बताया जा रहा है कि रुपये की स्थिति में आज और भी सुधार हो सकता था, लेकिन घरेलू शेयर बाजार में विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की बिकवाली के कारण रुपये की बढ़त पर अंकुश लग गया।
मुद्रा बाजार के एक्सपर्ट सर्वेश्वर दयाल सिन्हा का कहना है कि घरेलू बाजार की कमजोर स्थिति के कारण रुपये पर आने वाले दिनों में दबाव जारी रहने की उम्मीद है। इसके साथ ही अमेरिका के महंगाई के आंकड़ों के कारण डॉलर में भी जल्द ही रिकवरी होने के आसार हैं। अगर ऐसा हुआ तो रुपये की कीमत पर एक बार फिर दबाव की स्थिति बन सकती है।
उल्लेखनीय है कि बॉन्ड में निवेश बढ़ने और पीएसयू बैंकों द्वारा डॉलर का प्रवाह बढ़ा देने के कारण भी रुपये की कीमत को आज काफी सपोर्ट मिला। इसके साथ ही रिजर्व बैंक द्वारा नकदी की स्थिति को आसान बनाने के लिए की जा रही स्वैप प्रक्रिया के कारण भी रुपये पर बने दबाव में कमी आई है।