कोलकाता। पश्चिम बंगाल के गोरी इलाके में बाघ के घुसने से लोगों में डर का माहौल है। सुंदरबन के पास स्थित कुलतली के श्रीकांत पल्ली और किशोरीमोहनपुर गांवों में सोमवार को बाघ के घुसने से दहशत फैल गई। गांव के पास जंगल से आने वाले इस बाघ की पहचान उसकी पदचिन्हों और दहाड़ से की गई। उसे मंगलवार सुबह तक नहीं पकड़ा जा सका है।

दक्षिण 24 परगना की प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) निशा गोस्वामी ने बताया, “सोमवार को हमें सूचना मिली कि एक बाघ गांव में आ गया है। वनकर्मियों ने देर शाम तक स्थानीय निवासियों की मदद से जाल लगाकर इलाके को घेर लिया है।” उन्होंने यह भी बताया कि रायदिघी के रेंज अधिकारी सहित वन विभाग के कर्मचारी स्थिति पर नजर रख रहे हैं।

बैकुंठपुर ग्राम पंचायत के उपप्रधान शंकर दास ने कहा, “श्रीकांत पल्ली के पास जंगलों से अक्सर बाघ निकल आते हैं। सोमवार को एक मछुआरे ने नदी किनारे बाघ के पदचिन्ह देखे।” उन्होंने बताया कि नदी किनारे एक मरे हुए मवेशी को फेंका गया था, जिसने शायद बाघ को गांव की ओर खींच लिया। स्थानीय लोगों और वनकर्मियों ने बाघ की दहाड़ सुनने का दावा किया है।

वन विभाग ने बाघ को पकड़ने के लिए पिंजरे लगाने की तैयारी शुरू कर दी है। ‘वाइल्डलाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया’ के फील्ड अधिकारी सम्राट पाल के अनुसार, “शायद यह बाघ अज़मलमारी (स्थानीय नाम: बैठकभांगा) के जंगल से नदी पार करके गांव में घुसा है।” उनका कहना है कि मातला नदी से जुड़ी ओरियन खाड़ी पार करके बाघ किशोरीमोहनपुर पहुंचा होगा। कुछ दिन पहले बैकुंठपुर के एक ग्रामीण पर बाघ के हमले का मामला भी सामने आया था।

वन विभाग बाघ को जंगल में वापस ले जाने के प्रयास कर रहा है और ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए चौकसी बढ़ा दी गई है।

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