जम्मू-कश्मीर। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के समक्ष जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने का मुद्दा उठाएंगे। अब्दुल्ला ने एसकेआईएमएस अस्पताल के 42वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित एक समारोह में शिरकत करने के बाद संवाददाताओं से कहा कि प्रधानमंत्री और गृहमंत्री महाराष्ट्र और झारखंड में चुनावों में व्यस्त थे, लेकिन अब उनके पास समय है, इसलिए इस मुद्दे को उठाया जाएगा, ताकि जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा जल्द बहाल हो सके।

अस्पताल की नींव नेशनल कॉन्फ्रेंस के संस्थापक शेख मोहम्मद अब्दुल्ला की जयंती पर 1982 में इसी दिन रखी गई थी। यह पूछे जाने पर कि क्या एनसी संस्थापक की जयंती पर छुट्टी बहाल की जाएगी, इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में कई चीजें वापस लाने की जरूरत है, लेकिन प्राथमिकता पहले इसका राज्य का दर्जा बहाल करना है।

सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हमें एक बड़ी लड़ाई लड़नी है। हमें जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए लड़ना है, हमें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री हमसे नहीं, बल्कि लोकसभा चुनाव और उसके बाद हुए विधानसभा चुनावों के दौरान जम्मू-कश्मीर के लोगों से किए गए अपने वादे को पूरा करेंगे। उन्होंने कहा कि चुनावों में लोगों की भारी भागीदारी देखी गई, लोगों को जबरन बूथों पर ले जाने की भी कोई शिकायत नहीं हुई, बल्कि वोटर्स खुद गए और इस उम्मीद के साथ वोट दिया कि उनसे किए गए वादे, खासकर जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने के वादे पूरे होंगे।

एसकेआईएमएस अस्पताल के महत्व पर उमर अब्दुल्ला ने कहा कि इसे इसलिए बनाया गया था ताकि जम्मू-कश्मीर के लोगों को पीजीआई या एम्स जैसे अन्य अस्पतालों में जाने की जरूरत न पड़े। इस अस्पताल ने जम्मू-कश्मीर के लोगों की सेवा की है, फिर भी कुछ कमजोरियां और खामियां हैं। एसकेआईएमएस की स्वायत्तता और इसके इंजीनियरिंग विंग को बहाल किया जाना चाहिए।

Share.

Comments are closed.

Exit mobile version