अररिया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रगति यात्रा के क्रम में आज बुधवार को सड़क मार्ग से अररिया पहुंचे। अररिया के रानीगंज प्रखंड के हांसा और छतियौना पंचायत में मुख्यमंत्री सात निश्चय योजनाओं, जल जीवन हरियाली के अंतर्गत बलुआ तालाब के निरीक्षण के साथ प्लस टू राजकीय रामानुजन उच्च विद्यालय में खेल के मैदान रोबोटिक्स लब का अवलोकन आदि किया और जिले को नई सौगात भी दी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कुर्साकांटा के सुंदरनाथ धाम मंदिर भी जाना था जहां पिछले 15 दिनों से मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर तैयारी की जा रही थी।मुख्यमंत्री के कार्यक्रम को लेकर करोड़ों रूपये मंदिर के रंग रोगन, तालाब के जीर्णोद्धार के साथ अन्य कार्य किए गए। सुबह से ही बड़ी संख्या में मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर स्थानीय लोगों में काफी उत्सुकता थी। बड़ी संख्या में ग्रामीण मंदिर के बाहर सुबह से ही डटे थे। लेकिन अचानक दोपहर बाद मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में फेरबदल हुआ और सुंदरनाथ धाम मंदिर का सीएम का कार्यक्रम रद्द कर दिया गया।
मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के रद्द होने से ग्रामीणों में मायूसी छा गई। वहीं सुबह से ही सुरक्षा में और तैयारी में लगे प्रशासकीय और पुलिस अधिकारी को जब मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के रद्द हो जाने की सूचना मिली तो वे वहां से निकल चले। मुख्यमंत्री के कार्यक्रम को लेकर भारी संख्या में पुलिस बलों के साथ-साथ एसएसबी के जवानों की प्रतिनियुक्ति की गई थी।जानकारी मिलने के बाद वे भी अचानक शांत हो गए।
मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के रद्द होने पर ग्रामीणों में काफी मायूसी देखी गई। ग्रामीण ओमप्रकाश चौधरी ने बताया कि उनलोगों को अपेक्षा थी कि मुख्यमंत्री के आगमन पर सुंदरनाथधाम मंदिर में सावन और महाशिवरात्रि में लगने वाले मेले को राजकीय मेला का दर्जा मिल सकता है। साथ ही पर्यटन विभाग की ओर से इन्हें और अधिक विकसित किया जा सकता है। वहीं पप्पू मंडल ने बताया कि उनलोगों को यह आशा थी कि सुंदरनाथधाम मंदिर को धार्मिक सर्किट से जोड़ने की दिशा में मुख्यमंत्री की ओर से सकारात्मक प्रयास किया जाएगा।लेकिन कार्यक्रम रद्द होने से उन्हें निराशा हाथ लगी।
सीएम के कार्यक्रम के रद्द होने पर मंदिर प्रबंधन कमेटी के सदस्यों में भी मायूसी देखी गई। कमेटी के सदस्य हेरम कुमार सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री के दौरे को लेकर कमेटी काफी आशान्वित थे,लेकिन मौसम के बदले रुख के कारण निराशा तो हाथ लगी, लेकिन कमिटी मंदिर के विकास को लेकर हताश नहीं हुए है।