मेला क्षेत्र में सात टीम घूम—घूम कर बांट रही कपड़े का झोला
-महाकुंभ में अब तक बांटे गये 80 हजार के करीब झोले
महाकुम्भनगर। प्रयागराज महाकुम्भ में आये श्रद्धालु आध्यात्मिक ज्ञान व संत सेवा के संदेश के साथ—साथ सामाजिक समरसता व पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश लेकर घर जा रहे हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के माध्यम से कुम्भ में आये श्रद्धालुओं को कपड़े का थैला वितरित कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रहे हैं। मेला क्षेत्र में थैला वितरण के ​लिए संघ ने सात टीम बनाई है। प्रत्येक टीम में 10 स्वयंसेवक लगाये गये हैं। यह टीम मेला क्षेत्र में घूम—घूमकर कपड़े का थैला वितरित करती है। अब तक 80 हजार से अधिक श्रद्धालुओं को कपड़े का थैला बांटा जा चुका है।

पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के क्षेत्र संयोजक अजय कुमार ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि प्रदूषण की समस्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। इसी को देखते हुए पर्यावरण गतिविधि की ऒर से विश्व के सबसे बड़े आयोजन महाकुंभ को प्लास्टिक मुक्त बनाने का अभियान चलाया गया है। इस अभियान के अंतर्गत प्लास्टिक के थैले की जगह कपड़े का थैला एवं झोला और स्टील की थाली एवं ग्लास का वितरण किया जा रहा है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ काशी प्रान्त के प्रान्त प्रचारक रमेश ने भी विहिप के शिविर के सामने कल्पवृक्ष द्वार के पास श्रद्धालुओं को थैला वितरित किया। प्रान्त प्रचारक ने श्रद्धालुओं से आह्वान किया कि हम सभी को मिलकर प्लास्टिक मुक्त समाज बनाना है। अपने घरों में कपड़े के थैले का उपयोग करने की आदत बनानी है। उन्होंने कहा कि यह महाकुम्भ आध्यात्मिक होने के साथ-साथ समाज को पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश दे रहा है। एक थाली, एक थैला का अभियान समाज को स्वच्छ पर्यावरण एवं सुरक्षित जीवन का संदेश देगा।

अलग—अलग व्यवस्थाओं में लगे हैं संघ के 500 स्वयंसेवक
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 500 से अधिक कार्यकर्ता अलग—अलग व्यवस्था में लगे हैं। संघ के स्वयंसेवकों की विभाग के अनुसार एक—एक सप्ताह के लिए ड्यूटी लगाई जाती है। एक सप्ताह बाद दूसरे विभाग के स्वयंसेवक आ जाते हैं। संघ के स्वयंसेवक नेत्र कुंभ,खोया पाया विभाग,​झोला वितरण और लंगन बांटने में सहयोग कर रहे हैं।

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