राज्यपाल ने 22वें देवघर पुस्तक मेला का किया उद्घाटन
देवघर। राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने शनिवार को बाबा बैद्यनाथ की पावन भूमि पर ‘22वें देवघर पुस्तक मेला’ का विधिवत उद्घाटन किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने पुस्तक मेले को ज्ञान, संस्कृति और साहित्य के प्रसार का एक महत्वपूर्ण मंच और झारखंड की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक बताया। राज्यपाल ने इस मेले को डिजिटल युग में पुस्तक संस्कृति को पुनर्जीवित करने का एक उत्कृष्ट प्रयास बताते हुए कहा कि पुस्तकें केवल ज्ञान का स्रोत नहीं, बल्कि हमारे जीवन की अमूल्य धरोहर हैं।
राज्यपाल ने कहा कि देवघर की यह भूमि न केवल बाबा बैद्यनाथ धाम जैसे आध्यात्मिक केंद्र के लिए विख्यात है, बल्कि यहां महान संत ठाकुर अनुकूल चंद्र जी ने समाज को अपने विचारों और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से प्रेरित किया। यह पावन भूमि सांस्कृतिक, साहित्यिक और ऐतिहासिक धरोहर का एक प्रेरणास्रोत है। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भी देवघर का योगदान अत्यंत प्रेरणादायक रहा है। असहयोग आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान यहां की जनता और क्रांतिकारियों की भूमिका अतुलनीय रही है। इस भूमि ने हमेशा समाज को प्रेरणा और ऊर्जा दी है।
राज्यपाल ने कहा कि आज जब युवा पीढ़ी पुस्तकों से दूरी बना रही है, ऐसे में इस प्रकार के आयोजन उनका ध्यान अध्ययन और लेखन की ओर पुनः आकर्षित करने में सहायक होंगे। उन्होंने बरेली में अपनी ओर से स्थापित किए गए पुस्तकालय का भी उल्लेख किया, जो अध्ययनशील समाज के निर्माण की दिशा में उनका व्यक्तिगत प्रयास है।
राज्यपाल ने कार्यक्रम में कई पुस्तकों का विमोचन किया और साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले विद्वानों को सम्मानित किया। उन्होंने मेले को युवाओं की रचनात्मकता को प्रोत्साहित करने का एक आदर्श मंच बताया और युवाओं से इसमें बढ़-चढ़कर भाग लेने का आह्वान किया। साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘पढ़ेगा इंडिया, बढ़ेगा इंडिया’ जैसे मंत्रों का उल्लेख करते हुए कहा कि यह पुस्तक मेला उनकी सोच को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। राज्यपाल ने पुस्तक मेला समिति को इसके सफल आयोजन के लिए शुभकामनाएं दीं और सभी नागरिकों से आह्वान किया कि वे इस मेले का अधिकतम लाभ उठाएं और ज्ञान के इस महोत्सव का हिस्सा बनें।
इस अवसर पर लोकसभा सदस्य डॉ. निशिकांत दुबे, स्थानीय प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी, साहित्यकार, शिक्षाविद् और पुस्तक मेला समिति के सदस्य उपस्थित थे।