कश्मीर में हिंसक प्रदर्शनकारियों पर पैलेट गन काफी कारगर साबित हो रहे थे, लेकिन इसके खतरों और लगातार हो रहे विरोध को देखते हुए इस पर पाबंदी लगा दी गई थी। सरकार ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए पैलेट गन के विकल्प के रूप में पावा सेल के इस्तेमाल की मंजूरी दी थी, हालांकि, यह कारगर साबित नहीं हुआ।

अब चर्चा है कि नए नियमों के साथ पैलेट गन की एक बार फिर वापसी होगी।

बताया गया है कि अब पैलेट गन से प्रदर्शनकारियों के पेट से नीचले हिस्से को निशाना बनाया जाएगा।

इस रिपोर्ट में CRPF के महानिदेशक के दुर्गा प्रसाद के हवाले से लिखा गया हैः

“आतंकवाद विरोधी कार्रवाई के पहले या बाद में होने वाले प्रदर्शनों के दौरान अब पेलेट गन का फिर से इस्तेमाल किया जाएगा।

हालांकि यह पैलेट गन का बदला हुआ रूप होगा, ताकि लोगों को कम चोट आए।”

इस नए रूप में गन की नली पर एक ‘डिफ्लेक्टर’ होगा जो छर्रों को ऊपर की ओर जाने से रोकेगा, ताकि छर्रे पेट के ऊपर के हिस्से पर न लगें।

आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी के मुठभेड़ में मारे जाने के बाद कश्मीर घाटी में बड़े पैमाने पर हिंसक प्रदर्शन हुए थे।

इन प्रदर्शनों को रोकने के लिए पैलेट गन का इस्तेमाल किया गया था, जिससे बड़ी संख्या में लोग घायल हुए थे।

इस गन के इस्तेमाल पर जरूरत से अधिक राजनीति होने की वजह से इसका इस्तेमाल रोक दिया गया और उसकी जगह पावा सेल के इस्तेमाल को मंजूरी दी गई थी।

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