अहमदाबाद : गोधरा कांड के बाद हुई सांप्रदायिक हिंसा के सभी 28 अभियुक्तों को शुक्रवार को बरी कर दिया गया. प्राप्त जानकारी के अनुसार गांधीनगर की अदालत ने ठोस सुबूतों के अभाव में सभी अभियुक्तों को बरी किया. बरी होने वालों में कलोल नागरिक सहकारी बैंक के चेयरमैन गोविंद पटेल भी शामिल हैं. आपको बता दें कि सभी अभियुक्त लंबे समय से जमानत पर हैं.

गौर हो कि गोधरा रेलवे स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस के एस-6 कोच को जलाये जाने की घटना के एक दिन बाद 28 फरवरी, 2002 को गांधीनगर जिले में कलोल तालुका के पलियाद गांव में आगजनी, दंगे और अल्पसंख्यक समुदाय की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया था.

इस कांड में 28 लोगों को अभियुक्त बनाया गया था.

यही नहीं इन लोगों को एक दरगाह के कुछ हिस्से को नुकसान पहुंचाने का भी अभियुक्त बनाया गया था. पुलिस प्राथमिकी के अनुसार, इस दरगाह पर गांव के करीब 250 लोगों ने हमला किया था. इस भीड़ में ये 28 अभियुक्त भी शामिल थे.

फैसला सुनाते हुए कलोल के अतिरिक्त जिला जज ने कहा कि अभियुक्तों के खिलाफ पर्याप्त सुबूत उपलब्ध नहीं है. घटना के गवाह भी यह कहते हुए पलट गए कि भीड़ का हिस्सा रहे अभियुक्तों की पहचान कर पाने में वे समर्थ नहीं हैं. गवाहों ने अदालत के समक्ष कहा कि अब उनकी किसी के साथ दुश्‍मनी नहीं है क्योंकि अभियुक्तों के साथ पहले ही उनका समझौता हो गया है.

पिछली सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के वकील ने भी अदालत को जानकारी दी थी कि अभियुक्तों ने समझौता फार्मूला के तहत अल्पसंख्यक समुदाय को हुए नुकसान की भरपाई कर दी है.

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