मुम्बई: शिवसेना के अध्यक्ष ने आज दावा किया कि उनकी पार्टी केंद्र और महाराष्ट्र में सरकार का हिस्सा बनकर जनविरोधी नीतियों पर नियंत्रण कर रही है। उद्धव ने कहा, हमने देखा है कि अगर सत्ता पर नियंत्रण नहीं किया जाता है तो यह अनियंत्रित हो जाती है। सरकार में रहकर हम भाजपा को नियंत्रण में रखने का प्रयास करते हैं।
शिवसेना के मुखपत्र सामना को दिए साक्षात्कार में उन्होंने कहा, सरकार का हिस्सा बनकर शिवसेना कई नीतियों का विरोध करती है जो भारत विरोधी और जनता विरोधी हैं और आज ये नीतियां रूक गई हैं। चाहे भूमि अधिग्रहण विधेयक हो या जीएसटी विधेयक, हमने उन्हें आवश्यक संशोधन करने को बाध्य किया।
ठाकरे ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आगामी बृहन्मुंबई नगर निगम चुनावों के लिए महानगर में रैली करने आते हैं तो शिव सैनिक सम्मानपूर्वक उन्हें 23 फरवरी को शिवसेना के विजय दिवस समारोह में शिरकत करने के लिए आमंत्रित करेंगे।
नेता ने कहा, मोदीजी ने विधानसभा चुनावों के दौरान जीत के लिए राज्य में 23 रैलियां की थीं। इस बार अगर वह आते भी हैं तो शिवसेना ही जीतेगी। हम चाहते हैं कि वह हमारे उत्सव का हिस्सा बनें। उन्होंने कहा कि 2014 के विधानसभा चुनावों के दौरान भाजपा के साथ गठबंधन वास्तव में खत्म हो गया था।
उन्होंने कहा, वार्ता के नाम पर उन्होंने हमें धोखा दिया था। लोकसभा चुनाव तुरंत खत्म हुए थे, मोदी की लहर थी लेकिन नोटबंदी नहीं हुई थी। इसलिए उन्होंने (भाजपा) सोचा कि शिवसेना को 15-20 से ज्यादा सीटें नहीं मिलेंगी। लेकिन हमने 63 सीटों पर जीत दर्ज कर उन्हें गलत साबित किया।
इस बीच ठाकरे के बयान पर प्रतिक्रिया जताते हुए मध्यप्रदेश कांग्रेस समिति के सचिव अल निसार जकारिया ने आरोप लगाया कि शिवसेना प्रमुख सफेद झूठ बोल रहे हैं और सत्ता की मधुरता के कारण वह गठबंधन में बने हुए हैं।