रांची। झाविमो प्रमुख बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि लोकसभा और विधानसभा का चुनाव चाहे अलग-अलग हो या एक साथ, उनकी पार्टी पूरी तरह तैयार है। वह रविवार को रांची लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सभी छह विधानसभा क्षेत्रों के प्रमुख कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की बैठक में बोल रहे थे। बैठक पार्टी के डिबडीह स्थित केंद्रीय कार्यालय प्रांगण में हुई। इसकी अध्यक्षता रांची महानगर के अध्यक्ष सुनीत गुप्ता एवं मंच संचालन महासचिव जितेंद्र वर्मा ने किया।
बैठक में केंद्रीय उपाध्यक्ष डॉ सबा अहमद, केंद्रीय महासचिव बंधु तिर्की, डॉ आश्रिता कुजूर, केंद्रीय सचिव राजीव रंजन मिश्र, ग्रामीण जिलाध्यक्ष प्रभुदयाल बड़ाइक, सरोज सिंह, संतोष कुमार, महिला मोर्चा की केंद्रीय अध्यक्ष शोभा यादव, आदिवासी मोर्चा के संजय टोप्पो, बल्कू उरांव, केंद्रीय सदस्य, शिव शर्मा, तौहिद आलम, संपती देवी, सुचिता सिंह, सज्जाद अंसारी, सूरज टोप्पो, दयानंद राम, अजय कच्छप, मुन्ना बड़ाइक, राम मनोज साहू, विनोद राय, आदित्य मोनू, नजीउल्लाह खान, शिवा कच्छप, मंतोष सिंह, इंदूभूषण गुप्ता, अमित सिंह, महावीर नायक, विनीता मुंडा, मंसूर अंसारी, उमेश महतो, शिव शंकर साहू, सुरेश शर्मा, सुरज शाहदेव, भूपेंद्र सिंह सहित दर्जनों नेता शामिल हुए। बैठक में 17 फरवरी को होनेवाले रांची लोकसभा सम्मेलन को सफल बनाने को लेकर तैयारी की समीक्षा की गयी।
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि 2019 चुनावी वर्ष है। इस वर्ष आम चुनाव और विधानसभा चुनाव होना है। दोनों चुनाव की मियाद भले ही अलग-अलग हो, परंतु अगर चुनाव साथ भी हो जाये, तो कोई आश्चर्य की बात नहीं है और ना ही झाविमो चुनाव से घबराने वाली पार्टी है। झाविमो चुनावी मौसम वाली पार्टी नहीं बल्कि बारहों महीने, 24 घंटे जनता की लड़ाई लड़ने वाली पार्टी है। कार्यकर्ता हमारी पार्टी की ताकत हैं। कार्यकर्ताओं की बदौलत ही झाविमो 2014 के बाद आयी विकट परिस्थिति से लोहा लेकर पुन: मजबूती के साथ राज्य में खड़ी है। कार्यकर्ता कमर कस कर हर परिस्थिति के लिए तैयार रहें। हमारी लड़ाई बड़ी है। हमारे पास कार्यकर्ताओं का पसीना है तो भाजपा के पास पैसा एवं सरकारी तंत्र है। इतिहास गवाह है कि सोना तपने के बाद ही कुंदन बनता है। इस दौरान श्री मरांडी ने कार्यकर्ताओं को बूथ जीतने का टिप्स दिया एवं लोकसभा सम्मेलन सफल बनाने का आह्वान किया।