नयी दिल्ली। पाकिस्तान के कब्जे में आये विंग कमांडर अभिनंदन को सुरक्षित वापस लाने की कोशिशें भी तेज हो गयी हैं। देशवासियों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि इस जांबाज पायलट को भारत वापस कैसे लाया जा सकता है। क्या इससे पहले भी ऐसा हुआ था।
बता दें कि करगिल युद्ध के दौरान भी एक 26 वर्षीय फ्लाइट लेफ्टिनेंट के नचिकेता पाकिस्तान के कब्जे में थे और बाद में उन्हें भारत के हवाले किया गया था। करगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तान में जी. पार्थसारथी भारतीय उच्चायुक्त थे। पार्थसारथी 1963-1968 के दौरान भारतीय सेना के भी अधिकारी रह चुके हैं। तब नचिकेता की कैसे भारत वापसी हुई थी, इस पर पार्थसारथी ने बताया कि करगिल युद्ध के समय प्लाइट लेफ्टिनेंट नचिकेता मिग एयरक्राफ्ट में थे। उन्हें ये आदेश दिये गये थे कि नियंत्रण रेखा पार नहीं करना है। युद्ध के दौरान उन्होंने मिग से आक्रमण किया। लेकिन जब नीचे आये तो मिसाइल ट्रैक से उनको उतारा गया। पाकिस्तान ने उन्हें कब्जे में ले लिया।
कुछ दिन बाद पार्थसारथी पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय से संदेश मिला कि प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा है कि नचिकेता को रिहा कर दिया जाये। यह उनकी तरफ से सद्भाव का संकेत था। बकौल पार्थसारथी, उन्होंने कहा कि हम उन्हें रिहा करना चाहते हैं। मैंने कहा ठीक है। मैंने पूछा कहां मिलूं उनसे। तो उन्होंने कहा कि जिन्ना हॉल आइये। मैंने पूछा कहां, तो उन्होंने कहा जिन्ना हॉल। मुझे पता चला कि जिन्ना हॉल में प्रेस कांफ्रेंस होती है, तो मैंने उनसे पूछा कि जब आप उनकी वापसी करते हैं, तो वहां मीडिया होगी, तो उन्होंने कहा ‘हां’। इस पर मैंने कहा कि ‘असंभव’ है। जो युद्धबंदी रहे हैं आपके साथ, उसको रिहा करते समय मीडिया रहेगी, जिसे मैं कभी स्वीकार नहीं करूंगा। उन्हें अगर दुनिया की मीडिया के सामने उदाहरण बना कर पेश करेंगे, तो मैं इसे स्वीकार नहीं कर सकता। आप उनको निजी तौर पर हमें दें। मैंने दिल्ली को सूचित किया तो वहां से कहा गया कि आपने सही किया।
पार्थसारथी ने कहा, मुझे पाकिस्तान की तरफ से फिर फोन आया और पूछा गया कि आप बतायें कि उन्हें कैसे छोड़ा जाये। तो मैंने कहा कि देखिये, आप से हमारा विश्वास चला गया है। आप उन्हें दूतावास में छोड़ें, फिर मैं उनका चार्ज लूंगा। तो उन्हें दूतावास लाया गया और वहां मैंने उनका चार्ज लिया। रात को उन्हें एयर कमोडोर जसवाल के घर में ठहराया गया और अगले दिन मैंने कहा कि आप जहाज में नहीं जायेंगे। मैंने उनको एक गाड़ी में रखा। उनके साथ एयर अटैचे और नेवल अटैचे (वायु सेना और नेवी का अधिकारी, जो एक राजनयिक मिशन का हिस्सा होता है) को भेजकर वाघा में अपनी सेना के सुपुर्द करने को कहा। नचिकेता हफ्ते-दो हफ्ते पाकिस्तान के कब्जे में रहे।
पार्थसारथी ने कहा कि 1965 के जंग में वह सियालकोट में थे। यदि पाकिस्तान के कब्जे में आने के बाद उनके साथ दुर्व्यवहार हुआ, तो यह अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है। मीडिया में पायलट की तस्वीर रिलीज करना और उनके हाथ बंधे वीडियो जारी करना युद्ध की नीतियों के खिलाफ है। नचिकेता के मामले में उनसे कोई दुर्व्यवहार नहीं हुआ था।
पाकिस्तान के लोगों ने कहा, भारतीय पायलट के साथ गरिमा से पेश आओ
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के अनेक प्रमुख लोगों ने अपनी सेना और सरकार से भारतीय पायलट के साथ गरिमा से पेश आने को कहा है। पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की भतीजी फातिमा भुट्टो ने ट्विटर पर कहा कि पायलट का सम्मान किया जाये।
पाकिस्तानी सेना ने भारत के दो पायलटों को अपने इलाके से कब्जे में लेने का दावा किया है, जबकि भारतीय विदेश मंत्रालय ने बुधवार को जानकारी दी कि उसका एक मिग-21 विमान क्रैश हो गया और एक पायलट लापता है। इसके बाद ही पाकिस्तान की तरफ से कई लोगों अपनी सरकार से भारतीय पायलट के साथ गरिमापूर्वक पेश आने का आग्रह किया।
पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की भतीजी फातिमा भुट्टो ने ट्विटर पर प्रार्थना करते हुए कहा कि पायलट का सम्मान किया जाये। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, मैं प्रार्थना करती हूं कि यह शालीनता बनी रहे और यह देखकर गर्व होता है कि यह खुलकर और बिना किसी डर के व्यक्त हुआ। हम नहीं चाहते कि युद्ध हो। सभी पुरुषों के लिए गरिमा, शालीनता और शांति पर जोर दें।
पत्रकार मंसूर अली खान ने कहा, पकड़े गये भारतीय वायुसेना के पायलट को वह सम्मान दिया जाना चाहिए, जिसका एक सेवारत अधिकारी हकदार है. हम एक ऐसे राष्ट्र हैं, जो बहादुरों का सम्मान करता है। पाकिस्तान के कुछ अन्य नागरिकों ने भी भारतीय पायलट के साथ सम्मान के साथ पेश आने का आग्रह किया है।