जान दे दूंगी पर पीछे नहीं हटूंगी : ममता
कोलकाता। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का मेट्रो चैनल पर धरना सोमवार को भी जारी रहा। वह केंद्र सरकार के खिलाफ आर-पार के मूड में हैं। उन्हें विपक्षी दलों के नेताओं का समर्थन भी मिला है। ममता ने ऐलान किया है कि वह पीछे हटने वाली नहीं हैं। उन्होंने साफ कहा, मैं अपना जीवन देने के लिए तैयार हूं पर पीछे नहीं हटूंगी। उन्होंने कहा कि जब उनकी पार्टी के नेताओं को पकड़ा गया तो वह सड़कों पर नहीं उतरीं, लेकिन अब उन्हें गुस्सा इस बात का है कि कोलकाता पुलिस कमिश्नर के पद का अपमान करने की कोशिश की गयी है, जो एक संस्था को लीड कर रहे हैं।
धरनास्थल से होंगे सारे कामकाज
मुख्यमंत्री धरना स्थल से ही सरकार का कामकाज भी देख रही हैं। सोमवार को धरना स्थल पर ही वह कोलकाता पुलिस और पश्चिम बंगाल पुलिस के एक कार्यक्रम में शामिल हुईं। इस दौरान कई अधिकारियों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के दौरान कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार भी मौजूद थे।
उधर धरना स्थल से ही ममता बनर्जी ने सोमवार को फोन पर किसानों की एक सभा को भी संबोधित किया। इस दौरान किसान धरना स्थल से करीब एक किलोमीटर दूर नेताजी इनडोर स्टेडियम में मौजूद थे। अपने संबोधन में बनर्जी ने सिंगूर आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा, ‘मैं इसी जगह 2006 में 26 दिनों तक उपवास पर बैठी थी। मेरी मांग थी कि किसानों की जमीन उन्हें वापस दी जाये और हमारे मूवमेंट का असर यह हुआ कि पूरे देश में किसानों को उनकी जमीन का अधिकार मिला।
कोलकाता में भाजपा दफ्तर में जमकर तोड़फोड़
कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने भाजपा कार्यालय में तोड़फोड़ की है। दक्षिणी कोलकाता के भवानीपुर में भाजपा कार्यालय में तोड़फोड़ किये जाने की बात कही जा रही है। बंगाल भाजपा ने अपने ट्विटर हैंडल पर इसकी तस्वीरें अपलोड की हैं और टीएमसी कार्यकर्ताओं पर गुंडागर्दी का आरोप लगाया है।
ममता को मिला विपक्ष का साथ
नयी दिल्ली। कोलकाता की सीएम के रवैये पर देश की राजधानी में सियासत गरम हो गयी है। सोमवार को विपक्षी दलों के नेताओं ने बैठक की। इसमें तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डेरेक ओ ब्रायन भी मौजूद थे। बैठक में कांग्रेस की तरफ से मल्लिकार्जुन खड़गे, गुलाम नबी आजाद, अहमद पटेल और आनंद शर्मा, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, बीएसपी से सतीश चंद्र मिश्रा, भाकपा नेता डी राजा समेत कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए।
इस दौरान कोलकाता में जारी ममता के धरने पर चर्चा हुई और केंद्र के खिलाफ रणनीति तैयार हुई। इधर ममता के धरने का विपक्ष के कई नेताओं ने समर्थन किया है। राहुल गांधी, उमर अब्दुल्ला, अखिलेश यादव, तेजस्वी यादव, चंद्रबाबू नायडू, मायावती, शरद पवार और अरविंद केजरीवाल आदि ने रविवार रात ही ममता बनर्जी से फोन पर बात की और उनका समर्थन किया। शिवसेना और एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे ने भी मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। ठाकरे ने कहा कि हम ममता बनर्जी द्वारा केंद्र सरकार की निरंकुशता और अत्याचार के खिलाफ उठाये गये रुख की सराहना और समर्थन करते हैं। हम दृढ़ता से उनके पीछे खड़े हैं और अत्याचार के खिलाफ लड़ाई में उनके साथ हैं।
वहीं शिवसेना की तरफ से संजय राउत ने कहा कि यदि पश्चिम बंगाल जैसे बड़े राज्य की सीएम धरने पर बैठी हैं, तो यह एक गंभीर मामला है। क्या यह सीबीआइ बनाम ममता बनर्जी या फिर ममता बनर्जी बनाम बीजेपी है, हम जल्द ही इसका पता लगायेंगे। यदि सीबीआइ का दुरुपयोग किया जा रहा है, तो यह राष्ट्र की गरिमा और एजेंसी (सीबीआइ) की प्रतिष्ठा का मामला है।
राज्यपाल ने गृह मंत्रालय को भेजी गोपनीय रिपोर्ट
नयी दिल्ली। पश्चिम बंगाल में सीबीआइ और ममता सरकार के ताजा विवाद को लेकर राज्य के राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी ने एक गोपनीय रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भेजी है। सूत्रों का कहना है कि गृह मंत्रालय सीबीआइ के काम में बाधा डालने के आरोप में वहां मौजूद आइपीएस अधिकारियों पर कार्रवाई कर सकता है। इससे पहले गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने राज्यपाल से सीबीआइ के अधिकारियों के साथ धक्का-मुक्की करने और हिरासत में लिये जाने के दुर्भाग्यपूर्ण मामले पर गृह मंत्रालय को अवगत कराने को कहा था। इसके बाद राज्यपाल ने राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी को तलब कर इस मामले में तुरंत एक्शन लेकर विवाद को खत्म कराने को कहा था।
राजीव कुमार हाइकोर्ट पहुंचे, राहत मांगी
कोलकाता। सबूत छिपाने के आरोपी कोलकाता पुलिस आयुक्त राजीव कुमार सीबीआइ पूछताछ के खिलाफ कलकत्ता हाइकोर्ट पहुंच गये हैं। उन्होंने हाइकोर्ट से सीबीआइ पूछताछ से अंतरिम राहत मांगी है। कलकत्ता हाइकोर्ट राजीव कुमार की याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है और इस मामले में मंगलवार को सुनवाई होगी।