नयी दिल्ली। कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने चुनाव से पहले मोदी सरकार का आखिरी बजट पेश किया। अंतरिम बजट 2019 में रक्षा बजट के लिए भी कई बड़े ऐलान किये गये हैं। वित्त वर्ष 2019-20 के लिए रक्षा बजट 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक रखा गया है, जो अब तक किसी भी साल की तुलना में सबसे अधिक है। आपको बताते हैं कि अंतरिम बजट 2019 में डिफेंस बजट के लिए क्या-कुछ ऐलान किये गये हैं। बता दें कि सरकार ने किसानों, गायों, रेल और टैक्स से जुड़ी बड़ी घोषणाएं भी की हैं।

उन्होंने 2019-20 के लिए अंतरिम बजट प्रस्तुत करते हुए कहा, ‘हमारे सैनिक सीमाओं पर देश की रक्षा करते हैं, जिन पर हमें गर्व है। हमारे सैनिक हमारा सम्मान हैं। हमने हमारी सीमाओं को सुरक्षित बनाने के लिए बजट में 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक का आवंटन किया है, जो अब तक का सर्वाधिक है। अगर जरूरत पड़ी तो अतिरिक्त फंड मुहैया कराया जायेगा।’

वन रैंक वन पेंशन के लिए 35 हजार करोड़
गोयल ने कहा कि सरकार ने वन रैंक, वन पेंशन अवधारणा लागू की है और अब तक 35,000 करोड़ रुपये से अधिक का वितरण कर चुकी है। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस सरकार ने ओआरओपी के वादे को तीन बार बजट में रखा, लेकिन हमने इसे लागू किया है।’ उन्होंने कहा कि सरकार सभी सेनाकर्मियों की सैन्य सेवा वेतनमान (एमएसपी) में महत्वपूर्ण रूप से बढ़ोतरी और अत्यधिक जोखिम से भरे क्षेत्रों में तैनात नौसेना और वायुसेना कर्मियों को विशेष भत्ते दिये जाने की घोषणा कर चुकी है। उन्होंने कहा कि 2018-19 के बजट अनुमानों में प्रदत्त 2,82,733 करोड़ रुपये की तुलना में 2019-20 के लिए बजट अनुमानों में 3,05,296 करोड़ रुपये प्रदान किये गये हैं। इन आकड़ों को वर्ष 2018-19 के संशोधित अनुमानों में 2,85,423 करोड़ रुपये तक संशोधित किया गया था।’

रक्षा के लिए और सहायता का आश्वासन
गोयल ने कहा कि हमारा रक्षा बजट 2019-20 में पहली बार 3,00,000 करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर रहा है। उन्होंने कहा कि हमारी सीमाओं को सुरक्षित करने और उच्चतम स्तर की तैयारियों को बनाये रखने के लिए यदि आवश्कता होती है तो अतिरिक्त निधियां प्रदान की जायेंगी।

हाई रिस्कवाले सैनिकों के वेतन भत्ते बढ़े
आम चुनाव से पहले पेश 2019 के बजट में वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने रक्षा क्षेत्र के लिए खजाना खोल दिया है। वित्त मंत्री ने एलान किया कि इस बार रक्षा बजट में पहली बार इतनी बड़ी धन राशि का आवंटन किया गया है। वहीं हाई रिस्क में ड्यूटी कर देश की रक्षा करने वाले जवानों के साहस को सलाम करते हुए उनके भत्ते में भी इजाफा किया गया है।

पांच हजार करोड़ रुपये की वृद्धि
पाकिस्तान और चीन के साथ तनावपूर्ण संबंधों के चलते 2019 के बजट में इजाफे की उम्मीद की जा रही थी। वित्त मंत्री ने उसे पूरा भी किया। हालांकि पिछले वर्षों में रक्षा बजट में की गई वृद्धि इस साल के इजाफे से कहीं ज्यादा रही है। 2018 का रक्षा बजट 2.95 लाख करोड़ था। यानी इस बार बजट में पांच हजार करोड़ की वृद्धि हुई है। जबकि पिछली बार रक्षा बजट 20 हजार करोड़ रुपये बढ़ा था। 2017 का रक्षा बजट 2.74 करोड़ रुपये था।

जवानों को मिलेंगे आधुनिक हथियार
इस बार रक्षा बजट में बढ़ोत्तरी कई अन्य कारणों से भी जरुरी थी। सेना का कहना था कि मेक इन इंडिया के 25 प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के लिए उसके पास धन नहीं है। उसे ज्यादा रक्षा बजट आवंटन चाहिए। वहीं 15 लाख सैनिकों वाली विशाल भारतीय सेना को आधुनिक हथियारों की भी जरुरत है। इसके अलावा भारत को चीन के चुनौती मिलती है। चीन का रक्षा बजट भारत से तीन गुना ज्यादा है। वहीं भारत अपनी जीडीपी का मात्र 1.56 फीसदी रक्षा पर खर्च करता है। जबकि विशेषज्ञों के मुताबिक हमें अपनी जीडीपी का कम के कम तीन प्रतिशत जीडीपी पर खर्च करना चाहिए क्योंकि अमेरिका अपनी जीडीपी का चार फीसदी, चीन 2.5 और पाकिस्तान 3.5 प्रतिशत रक्षा क्षेत्र के लिए आवंटित करता है।

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