नयी दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले अपने अंतिम बजट में मोदी सरकार ने गरीब कामगारों को बड़ा तोहफा दिया है। वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने बजट 2019 में असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए मेगा पेंशन योजना की घोषणा की है। प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना का ऐलान करते हुए वित्तमंत्री ने कहा कि 100 रुपये के मासिक योगदान पर कामगारों को 60 साल की आयु के बाद हर महीने 3000 रुपये पेंशन मिलेगी। इसके तहत असंगठित क्षेत्र के 10 करोड़ कामगारों को रिटायरमेंट के बाद एक न्यूनतम पेंशन की गारंटी दी जायेगी ।
इस स्कीम का फायदा असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले ऐसे मजदूरों को मिलेगा जिनकी मासिक आमदनी 15 हजार रुपये से कम है। इस योजना का लाभ असंगठित क्षेत्र में सबसे कमजोर 25 फीसदी लोगों के लिए एक फाइनांशिल सिक्यॉरिटी स्कीम की तरह मिलेगा ।

सरकार के इस कदम से घरेलू नौकरानियों, ड्राइवरों, प्लंबर, बिजली का काम करने वाले कामगारों को फायदा हो सकता है, जो इस स्कीम के तहत 15 हजार की सैलरी से कम कमाई कर पाते हों। लोकसभा में साल 2019-20 का अंतरिम बजट पेश करते समय गोयल ने कहा कि इस योजना से 10 करोड़ कामगारों को लाभ होगा और यह अगले पांच सालों में असंगठित क्षेत्र के लिए विश्व की सबसे बड़ी पेंशन योजना बन सकती है। भारत में करीब 50 करोड़ की वर्क फोर्स है, जिसमें से 90 प्रतिशत हिस्सा असंगठित क्षेत्र में काम करता है। ऐसे कामगारों को आमतौर पर सरकारों की ओर से तय न्यूनतम वेतन भी नहीं मिलता और न ही पेंशन या हेल्थ इंश्योरेंस जैसी सोशल सिक्यॉरिटी मिल पाती है।

छूट के लिए मिडिल क्लास से मांगा चुनावी आशीर्वाद
वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि टैक्स के प्रपोजल जुलाई में आने वाले मुख्य बजट में आयेंगे। उन्होंने कहा, ‘मैंने टैक्स में कोई बदलवा नहीं किया है। टैक्स रेट और लिमिट के प्रपोजल मेन बजट में तय होंगे। जनता का आशीर्वाद बना रहेगा, तो जुलाई 2019 में मोदी सरकार यह बजट लेकर आयेगी।

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