Close Menu
Azad SipahiAzad Sipahi
    Facebook X (Twitter) YouTube WhatsApp
    Tuesday, June 17
    • Jharkhand Top News
    • Azad Sipahi Digital
    • रांची
    • हाई-टेक्नो
      • विज्ञान
      • गैजेट्स
      • मोबाइल
      • ऑटोमुविट
    • राज्य
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
    • रोचक पोस्ट
    • स्पेशल रिपोर्ट
    • e-Paper
    • Top Story
    • DMCA
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Azad SipahiAzad Sipahi
    • होम
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खलारी
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुर
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ़
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सरायकेला-खरसावाँ
      • साहिबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • विशेष
    • बिहार
    • उत्तर प्रदेश
    • देश
    • दुनिया
    • राजनीति
    • राज्य
      • मध्य प्रदेश
    • स्पोर्ट्स
      • हॉकी
      • क्रिकेट
      • टेनिस
      • फुटबॉल
      • अन्य खेल
    • YouTube
    • ई-पेपर
    Azad SipahiAzad Sipahi
    Home»Breaking News»गिरिडीह: 25 लाख के इनामी नक्सली ने किया सरेंडर
    Breaking News

    गिरिडीह: 25 लाख के इनामी नक्सली ने किया सरेंडर

    azad sipahiBy azad sipahiFebruary 7, 2019No Comments5 Mins Read
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram LinkedIn Pinterest Email

    गिरिडीह। नगर थाना क्षेत्र के पुलिस लाइन में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कुख्यात नक्सली बलबीर महतो उर्फ रौशन दा उर्फ विपुल दा नाम के इनामी नक्सली ने गुरुवार को सरेंडर कर दिया। इस दौरान डीआइजी पंकज काम्बोज, गिरिडीह एसपी सुरेंद्र झा सहित कई अन्य पुलिस कर्मी मौजूद रहे। सरेंडर के बाद बलबीर को 25 लाख रुपये का चेक सौंपा गया। बलबीर पर 25 लाख रुपये का इनाम था। कई नक्सली कांड में पुलिस को बलबीर की तलाश थी।

    बलबीर महतो ने पुलिस को दी लिखित जानकारी
    पुलिस को तीन पेज के दिए लिखित बयान में बलबीर ने बताया कि वो बिना किसी डर या दबाव के आत्मसमर्पण कर रहा है। उसने बयान में लिखा है कि सीपीआई माओवादी में आने से पहले घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं रहने के चलते 1999 में मुंबई काम करने गया। यहां पांच साल तक होटल में वेटर के तौर पर काम किया। इस दौरान किसी से मारपीट हुई, तो वापस घर आ गया। उस वक्त मेरे बड़े भाई धीरेन महतो उर्फ धीरेन दा उर्फ गिरीश दा जो फिलहाल ओड़िशा जेल में बंद है, संगठन में आ चुका था। 2004 में मैं भी बगोदर क्षेत्र में सरिया थाना के निवासी माओवादी तिलकधारी महतो के माध्यम से पार्टी में शामिल हो गया। इसके बाद मुझे झाझा चरकपधर क्षेत्र में सहदेव सोरेन उर्फ अनुज दा के पास भेज दिया गया। यहां प्रकाश यादव एरिया कमांडर के दस्ता में काम करने लगा। साल 2005 से एरिया कमिटी मेंबर बना। इसके बाद 2006 में चंद्रमंडी थाना जमुई में पकड़ा गया।

    2006 से 2010 तक जमुई के जेल में रहा बंद
    2006 से 2010 तक जमुई जेल में रहा। जमानत मिलने पर फिर 2011 में पार्टी में शामिल हो गया। फिर मुझे सब जोनल कमिटी मेंबर बनाया गया। मैं इस दौरान गिरिडीह में कैदियों की गाड़ी पर हमले में शामिल रहा। जून-जुलाई 2012 में मैं और मेरे साथियों ने रामचंद्र महतो उर्फ चिराग दा के नेतृत्व में इस घटना को अंजाम दिया। इस कांड में मेरे अलावा चिराग दा, अरविंद उर्फ अशोक यादव, सुरेश कोड़ा, मदन, सिद्दू कोड़ा, पिंटू राणा, मनोज उर्फ बड़का, अनीता, अरुण, रेणुका, जगदीश, सुरेन, बट्टू के अलावा दस्ता सदस्य अजय, रवि, मनोज, भीरू, नरेश, अनीता, सियाराम, रोशन एवं विपिन समेत कुल 25 से 27 व्यक्ति शामिल थे। हमलोगों ने दो एके-56, दो एके-47, दो इंसास, पांच 303 राइफल और चार बम का प्रयोग किया। चिराग दा द्वारा हथियार की व्यवस्था की गयी थी। दो बोलेरो, एक ट्रैक्टर और 12 बाइक का प्रयोग किया गया था। हमलोग लगभग ढाई बजे दिन में चतरो (जमुई) से कचिया महेशमंडा होते हुए 3:30 बजे गिरिडीह पहुंचे और प्लानिंग के अनुसार ट्रैक्टर का उपयोग कर कैदी की गाड़ी को रुकवाया। फिर बम मारकर गाड़ी का गेट तोड़ दिया एवं अंधाधुन फायरिंग कर कैदी गाड़ी से अपने पार्टी के अनुज दा, रमेश मंडल, मिथिलेश मंडल, साकेत उर्फ संजीव डॉक्टर, छोटका और फंटूश को भगा ले गये। घटना में तीन पुलिसवाले तथा एक कैदी विपिन (दस्ता सदस्य) मारे गये। लौटते वक्त बोलेरो नदी में फंस गई जिसे बेंगाबाद पुलिस ने जब्त कर लिया।

    आगजनी और हत्या के मामले में रहा है शामिल
    इसके अलावा 2006 में सोनो थाना के दो ट्रैक्टर जलाने की घटना तथा चडका पत्थगर गांव के चौकीदार की हत्या में भी मैं शामिल था। वर्ष 2015 में दो बार संथाल परगना में गाड़ी जलाई। वर्ष 2016 में कैडा पहाड़ी गांव में थाना में गाड़ी को आग के हवाले किया। वर्ष 2017 में देवघर के पोखरिया गांव सुनील पहाड़िया के मर्डर में भी शामिल था। घटना में मेरे अलावा अग्नि, सिधु कोड़ा और दशरथ भी शामिल थे। 2011 में सारंडा जंगल में पुलिस के साथ मुठभेड़ में मैं शामिल था। जिसमें किशन दा, विवेक दा, संदीप सोरेन, सुनील मांझी, अनिल दा, अजय महतो, नवीन मांझी, चिराग दा सहित 60 से 70 माओवादी शामिल थे। वर्ष 2014 के अगस्त में 1 सितंबर को जमुई के खैरा स्थित गिद्धेश्वर जंगल में मुठभेड़ में भी मैं शामिल था। इसमें 30 से 40 माओवादी शामिल थे। घटना में हमलोगों का एक दस्ता सदस्य अजय मारा गया था। जबकि एक एके-47 छूट गया था।

    2016-18 के मुठभेड़ में था शामिल
    वर्ष 2016 में जनवरी-फरवरी में गोड्डा के सुंदरपहाड़ी के बेलपहाड़ी क्षेत्र में हुए मुठभेड़ में भी शामिल था। इसमें मेरे अलावा 8 अन्य सदस्य थे। वर्ष 2018 के जुलाई-अगस्त में गोपीकौदर थाना में चुज जंगल में पुिलस के साथ मुठभेड़ हुई थी। जिसमें हमलोग बच गये थे। दो लोग मारे गये थे। जुलाई 2016 को अपने अन्य सहयोगियों अजय महतो, नुनुचंद महतो, रामदयाल महतो, संतोष महतो, पतिराम मांझी, पंकज मांझी, पवन मांझी, चिंड्डा बेसरा उर्फ जगदेव, कृष्णा हांसदा डे के साथ डुमरी थाना क्षेत्र के अंतर्गत मुरकुंडो गांव में फुटबॉल मैच के दौरान दिनेश मांझी की गोली मारकर तथा गला रेतकर हत्या कर दी गयी थी। दिनेश मांझी ने पार्टी छोड़कर गद्दारी की थी।

    कई बार क्रशर मालिक और ठेकेदारों से वसूली लेवी
    इसके अतिरिक्त मेरे द्वारा कई बार क्रशर और ठेकेदारों से लेवी वसूली गयी। नोटबंदी के दौरान मेरे द्वारा 50 लाख रुपये अनुज दा को दिया गया था तथा एक करोड़ रुपए जगदीश (जेल में) नोट बदलने के लिए दिया गया था। नोटबंदी के बाद भी लगभग 60 लाख रुपये मैं जमा कर अनुज दा के माध्यम से सेंट्रल कमेटी को भेज चुका हूं। पैसों का मैनेजमेंट सहदेव सोरेन उर्फ अनुज दा ही देखता है।

    Share. Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleझारखंड: महागठबंधन में लोकसभा सीटों पर बनी सहमति
    Next Article IND vs NZ: टी20 जीत भारत ने की सीरीज बराबर
    azad sipahi

      Related Posts

      डीजीपी अनुराग गुप्ता अब न अखिल भारतीय सेवा में हैं, ना सस्पेंड हो सकते हैं : बाबूलाल मरांडी

      June 16, 2025

      भाजपा के टॉर्चर से बांग्ला बोलना सीख गया : इरफान

      June 16, 2025

      राजभवन के समक्ष 108 एंबुलेंस के कर्मी 28 को देंगे धरना

      June 16, 2025
      Add A Comment

      Comments are closed.

      Recent Posts
      • प्रधानमंत्री मोदी को साइप्रस का सर्वोच्च नागरिक सम्मान
      • डीजीपी अनुराग गुप्ता अब न अखिल भारतीय सेवा में हैं, ना सस्पेंड हो सकते हैं : बाबूलाल मरांडी
      • भाजपा के टॉर्चर से बांग्ला बोलना सीख गया : इरफान
      • राजभवन के समक्ष 108 एंबुलेंस के कर्मी 28 को देंगे धरना
      • झारखंड में 19 तक मानसून के पहुंचने की उम्मीद, 21 तक होगी बारिश
      Read ePaper

      City Edition

      Follow up on twitter
      Tweets by azad_sipahi
      Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
      © 2025 AzadSipahi. Designed by Microvalley Infotech Pvt Ltd.

      Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

      Go to mobile version