श्रीनगर/नई दिल्ली : सीआरपीएफ ने गुरुवार को अपने काफिले के रूट पर पूरी सावधानी बरती थी, लेकिन जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग के एक हिस्से को सिविलियन वीकल्स के प्रयोग की अनुमति देना घातक साबित हुआ। सीआरपीएफ ने ग्रेनेड हमले या अचानक से होने वाली फायरिंग को लेकर काफी सतर्कता दिखाई थी और रूट की पूरी तरह से जांच की थी। सीआरपीएफ के इंस्पेक्टर जनरल (ऑपरेशन्स) कश्मीर ज़ुल्फिकार हसन ने कहा, ‘रोड ओपनिंग पार्टी (RoP) ने गुरुवार सुबह पूरे रूट की चेकिंग की थी। उस रूट पर कहीं पर भी आईईडी नहीं पाया गया था और ना ही इस बात की संभावना छोड़ी गई थी कि कोई जवानों के काफिले पर फायरिंग कर सके या ग्रेनेड फेंक सके।’ सीआरपीएफ अधिकारियों ने बताया कि जैश-ए-मोहम्मद का आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद कश्मीरी नागरिकों को दी गई आजादी का इस्तेमाल करते हुए एक सर्विस रोड से जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर आया।
बता दें कि पहले जब सुरक्षाबलों का काफिला चलता था, तब बीच में सिविल गाड़ियों को नहीं आने दिया जाता थे। लेकिन हालात ठीक हो रहे थे तो काफिले के बीच में या आगे-पीछे सिविल गाड़ियां भी चलती रहती हैं, जो खतरनाक साबित हुआ। सीआरपीएफ के एक अधिकारी ने कहा, ‘स्थानीय नागरिक हमारी मूवमेंट से परेशानी ना महसूस करें, इसलिए हमने उनकी गाड़ियों को काफिले के आस-पास चलने की छूट दे रखी थी। इस तरह से हमला करने का तरीका नया है और हैरान करने वाला है।’ उन्होंने कहा कि सुरक्षाबल अब अपनी रणनीति में बदलाव करेंगे।

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