पश्चिमी सिंहभूम। पश्चिमी सिंहभूम जिला स्थित चाईबासा सदर अस्पताल में थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों को एचआईवी संक्रमित रक्त चढ़ाए जाने की चौंकाने वाली घटना ने राज्यभर में आक्रोश की लहर पैदा कर दी है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस गंभीर लापरवाही पर सख्त एक्शन लेते हुए पश्चिमी सिंहभूम जिले के सिविल सर्जन सर्जन डॉ. सुशांतो कुमार माझी सहित संबंधित सभी जिम्मेदार अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। यह जानकारी रविवार को मुख्यमंत्री ने अपने सोशल मीडिया एक्स के माध्यम से दी है।

मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिया है कि इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए और सात दिनों के भीतर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की घटनाएं न केवल स्वास्थ्य व्यवस्था की लापरवाही को उजागर करती हैं, बल्कि मानवता के खिलाफ अपराध के समान हैं। सरकार दोषियों को किसी भी सूरत में नहीं छोड़ेगी।

राज्य सरकार ने पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए हर परिवार को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का निर्णय लिया है। साथ ही यह भी घोषणा की गई है कि संक्रमित बच्चों के इलाज, दवा और देखरेख का पूरा खर्च राज्य सरकार वहन करेगी।

सूत्रों के अनुसार, प्रारंभिक जांच में रक्त जांच प्रक्रिया में गंभीर गड़बड़ी की बात सामने आई है। इस घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग ने जिले के सभी ब्लड बैंकों और संबंधित संस्थानों की जांच शुरू कर दी है। राज्य स्तर पर एक विशेष टीम बनाई गई है जो रक्त संक्रमण से संबंधित सभी प्रक्रियाओं की समीक्षा करेगी।स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों ने इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। संगठन प्रतिनिधियों ने कहा है कि यह लापरवाही नहीं बल्कि आपराधिक लापरवाही का मामला है, और दोषियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने जनता को आश्वासन दिया है कि दोषियों को शीघ्र न्यायिक दंड दिलाने और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार इस पूरे घटनाक्रम को “शून्य सहनशीलता नीति” के तहत देख रही है।

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