सियोल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद को बेहद मजबूत बताते हुए कहा है कि यह जल्द ही पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। वह गुरुवार को दक्षिण कोरिया में भारत-कोरिया व्यापार गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन को दुनिया के सामने दो सबसे बड़ी चुनौती बताया। मोदी ने कहा कि भारत अब पहले से अधिक खुली अर्थव्यवस्था है। पिछले चार साल में देश में 250 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) आया है।
उन्होंने कहा कि दुनिया की कोई और बड़ी अर्थव्यवस्था इस तरह साल दर साल सात फीसदी की वृद्धि दर से नहीं बढ़ी है। आर्थिक सुधारों की बदौलत विश्व बैंक की कारोबार सुगमता सूची में बड़ी छलांग लगाते हुए भारत 77वें स्थान पर पहुंच गया है। पीएम मोदी ने कहा कि अगले साल तक उन्होंने भारत को शीर्ष 50 कारोबार सुगमता वाले देशों की सूची में शामिल कराने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि सरकार का काम सहयोग की प्रणाली उपलब्ध कराना है। भारत अवसरों की भूमि के तौर पर उभरकर सामने आया है।
पीएम ने कहा कि भारत में व्यापार को लेकर अपार संभावनाएं हैं, क्योंकि यह एक बड़े बदलाव से गुजर रहा है। वर्ल्ड बैंक की इज आफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में हम सालों से 77वें पायदान थे, लेकिन अब 65वें पायदान पर पहुंच गये हैं।
पीएम मोदी ने महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण किया और उन्हें श्रद्धांजलि दी। पीएम ने कहा कि इस समय मानवता के सामने दो बड़ी चुनौतियां हैं, आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन। बापू के विचार और आदर्श आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन के खतरे को दूर करने में हमारी मदद करते हैं। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी के जीवन काल में ग्लोबल वार्मिंग या जलवायु परिवर्तन जैसी कोई चीज नहीं थी, लेकिन फिर भी उन्होंने ऐसा जीवन जिया, उन्होंने (गांधी जी) कहा कि हमें भावी पीढ़ी का अधिकार छीनने का हक नहीं है। आज के समय में जब पूरी मानवता को आतंकवाद ललकारता है, तो महात्मा गांधी के विचार हिंसा के रास्ते पर गये लोगों को लौटने के लिए प्रेरणा देते हैं। पीएम ने कहा कि ‘वैष्णव जन’ महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के मौके पर विश्व के करीब 155 देशों के गायकों ने गाया। अब यह एक वैश्विक विरासत बन चुका है। यह हमारे लिए गर्व का विषय है।