Close Menu
Azad SipahiAzad Sipahi
    Facebook X (Twitter) YouTube WhatsApp
    Sunday, September 21
    • Jharkhand Top News
    • Azad Sipahi Digital
    • रांची
    • हाई-टेक्नो
      • विज्ञान
      • गैजेट्स
      • मोबाइल
      • ऑटोमुविट
    • राज्य
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
    • रोचक पोस्ट
    • स्पेशल रिपोर्ट
    • e-Paper
    • Top Story
    • DMCA
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Azad SipahiAzad Sipahi
    • होम
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खलारी
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुर
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ़
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सरायकेला-खरसावाँ
      • साहिबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • विशेष
    • बिहार
    • उत्तर प्रदेश
    • देश
    • दुनिया
    • राजनीति
    • राज्य
      • मध्य प्रदेश
    • स्पोर्ट्स
      • हॉकी
      • क्रिकेट
      • टेनिस
      • फुटबॉल
      • अन्य खेल
    • YouTube
    • ई-पेपर
    Azad SipahiAzad Sipahi
    Home»Top Story»हेमंत सरकार के 50 दिन, 50 फैसले
    Top Story

    हेमंत सरकार के 50 दिन, 50 फैसले

    azad sipahi deskBy azad sipahi deskFebruary 19, 2020No Comments4 Mins Read
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram LinkedIn Pinterest Email

    अजय शर्मा
    रांची। हेमंत सरकार के 50 दिन पूरे हो गये हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों ने 50 बड़े फैसले लिये और दावा किया कि सभी फैसले राज्यहित में लिये गये हैं। चुनाव परिणाम आने के तुरंत बाद से ही सीएम अपने शालीन स्वभाव के कारण लोकप्रियता के पायदान में बड़ी छलांग लगायी। चुनाव के दौरान सभाओं में किये गये वादे को पूरा करने का वक्त चुनाव परिणाम आने के बाद से ही हो गया। वे स्थानीय लोगों और स्थानीयता की बात कह रहे थे। परिणाम आने के बाद जिस कदर उनके घर में भीड़ उमड़ती रही। वे लोगों से मिलते रहे, ऐसा लग ही नहीं रहा था कि लोग सीएम से मिल रहे हैं। उन्हें लग रहा था कि उन्हीं के बीच का एक बेटा सीएम बना है। लिहाजा उम्रदराज से लेकर युवाओं की भीड़ घर में लगने लगी। हेमंत किसी को नाराज नहीं किये। उस समय भी उन्होंने यही संकेत दिया था कि हर फैसला राज्यहित में लिया जायेगा।

    मुख्यमंत्री ने पहला फैसला पत्थलगड़ी के दौरान देशद्रोह के तहत दर्ज मामलों को वापस लेने का था। यह फैसला मानों पूरे राज्य में लोगों के बीच यह संकेत दिया कि सीएम एक-एक कर बड़े फैसले लेंगे और हुआ भी यही। मुख्यमंत्री ने गॉर्ड आफ आॅनर की परंपरा को समाप्त करने की घोषणा की। उन्होंने खुद कहा था कि यह अंगे्रज काल की परंपरा है। सीएम ने स्थानीय नीति और नियोजन नीति को विवादास्पद मानते हुए उसकी समीक्षा करने की भी घोषणा की। सीएम की इस घोषणा के बाद झारखंड वासियों की उम्मीदें बढ़ गयीं। गठबंधन सरकार ने दो लाख तक किसानों के कर्ज माफ करने, 100 यूनिट बिजली निशुल्क देने, आदिवासियों को वन पट्टा देने, फर्जी राशन कार्ड के जरिये किये जा रहे खाद्यान्न की गड़बड़ी की जांच करने, प्रज्ञा केंद्र से तुरंत सभी तरह के सर्टिफिकेट बनाने, कोयला की शेष राशि करीब पांच हजार करोड़ रुपया नहीं मिलने पर झारखंड का कोयला नहीं भेजने की धमकी भी दी। सबसे बड़ा फैसला पारा टीचर को जल्द ही स्थायी किया जायेगा या उनके मानदेय में भारी बढोत्तरी की जायेगी। जिन स्कूलों को बंद कर दिया गया था उन स्कूलों को खोलने का फैसला भी सरकार का साहसिक कदम है।

    सीएम ने घोषणा की कि नियोजन कार्यालय को मजबूत किया जाये। पंचायत स्तर पर इस तरह के कार्यालय खोले जायेंगे, बेरोजगारों को चिह्नित कर बेरोजगारी भत्ता देने पर भी सरकार विचार कर रही है। यह सरकार भूमि अधिग्रहण बिल की भी समीक्षा कर रही है। तय किया गया है कि जमीन जिसकी जायेगी उसके एक परिवार को नौकरी हर हाल में देना होगा। अभी दो एकड़ जमीन पर ही एक नौकरी का प्रावधान है। हेमंत जब कुर्सी संभाले तो खजाना खाली था। सीएम ने फिजूलखर्ची पर तुरंत रोक लगा दी। पैसा कहां से आये इसके नये रास्ते ढूंढे गये। तय किया गया कि महिलाओं के नाम एक रुपये की रजिस्ट्री बंद करायी जायेगी, मुख्यमंत्री आशीर्वाद योजना बंद हो।

    डोभा निर्माण की जांच की घोषणा, तालाब निर्माण की जांच की घोषणा, पथ निर्माण विभाग में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की जांच के आदेश, मुख्य अभियंता समेत दो का निलंबन का कड़ा फैसला भी शामिल है। राज्यसभा चुनाव के दौरान गड़बड़ी करने के आरोप में सीनियर आइपीएस अधिकारी अनुराग गुप्ता के निलंबन से यह संकेत देने की कोशिश की कि उनके सरकार में भ्रष्टाचार के लिए कोई जगह नहीं। सीएम चुपचाप अपना काम कर रहे। विरोधी उन पर जमकर हमला कर रहे। सीएम ने पलटवार करने के बजाये लंबी लकीर खींचने की नीति पर काम शुरू किया है। सीएम व्यवहार के कारण अधिक चर्चित हुए हैं। 29 दिसंबर को मोरहाबादी में शपथ ग्रहण हुआ था, उसी समय उन्होंने यह संकते दिया कि उनकी सरकार में भ्रष्टाचार के लिए कोई जगह नहीं होगी।

    50 days 50 decisions of Hemant government
    Share. Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleढुल्लू के करीबियों की हो रही है तलाश
    Next Article हिंदू लड़की की जबरन शादी अमान्य: पाक कोर्ट
    azad sipahi desk

      Related Posts

      झारखंड के मुख्यमंत्री से दशहरा कमेटी के प्रतिनिधिमंडल ने की मुलाकात, किया आमंत्रित

      September 20, 2025

      कुड़मी समाज ने 75 साल किया संघर्ष, अब चाहिए परिणाम : सीपी चौधरी

      September 20, 2025

      प्रशांत किशोर ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के चार बड़े नेताओं के खिलाफ लगाए भ्रष्टाचार के आरोप

      September 20, 2025
      Add A Comment

      Comments are closed.

      Recent Posts
      • विश्व की शांति और स्थिरता के लिए भारत का आत्मनिर्भर होना जरूरी : प्रधानमंत्री
      • खरगे ने ट्रंप के एच-1बी वीजा फीस वृद्धि को बताया भारत के लिए झटका
      • ट्रंप की द न्यूयॉर्क टाइम्स के खिलाफ दायर मानहानि की शिकायत खारिज
      • नेपाल में भारी बारिश और भूस्खलन से सात राजमार्ग अवरुद्ध
      • इस्लामाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डोगर के खिलाफ पांच जजों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की
      Read ePaper

      City Edition

      Follow up on twitter
      Tweets by azad_sipahi
      Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
      © 2025 AzadSipahi. Designed by Microvalley Infotech Pvt Ltd.

      Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

      Go to mobile version