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    Home»Top Story»मंत्री बनने के लिए भोलेनाथ की शरण में इरफान अंसारी
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    मंत्री बनने के लिए भोलेनाथ की शरण में इरफान अंसारी

    azad sipahi deskBy azad sipahi deskFebruary 5, 2020No Comments5 Mins Read
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    मंत्री हो या संतरी या फिर कोई विधायक, कामना सबमें होती है। जब कामना दिल में हिलोरे मारने लगती है, तो अक्सर लोग ईश्वर-अल्लाह के शरणागत हो जाते हैं। झारखंड की जामताड़ा सीट से विधायक कांग्रेस के डॉ इरफान अंसारी के दिल में जब मंत्री बनने की इच्छा हिलोरें मारने लगी, तो अब वह भी ईश्वर-अल्लाह दोनों की शरण में हैं। कामना पूरी हो, इसके लिए पूजा-पाठ, इबादत का सहारा ले रहे हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि उनकी दुआओं का क्या असर होता है। मंत्री बनने का ख्वाब संजोये डॉ इरफान अंसारी के लिए बाबा मंदिर में पूजा और इस बहाने झारखंड के नेताओं की भक्ति पर नजर डालती दयानंद राय की रिपोर्ट।

    पूर्व सीएम रघुवर दास को फला था पूजा-पाठ कराना
    कैसे-कैसों को दिया है, ऐसे-वैसों को दिया है, मुझको भी तो लिफ्ट करा दे…। शब्द चाहे जो भी हों, ऊंचाई हासिल करने की कामना मन में हिलोरें ले रही हो तो हर किसी को ऊपरवाले की याद बड़ी शिद्दत से आती है। झारखंड सरकार में मंत्री बनाये जाने की ख्वाहिश रखनेवाले डॉ इरफान अंसारी को जब हेमंत सोरेन के मंत्रिमंडल विस्तार में मंत्री पद नहीं मिला और प्रदीप यादव के कांग्रेस में शामिल होने और उन्हें मंत्री बनाये जाने की अटकलों का बाजार गर्म हुआ, तो वह भी ऊपरवाले की शरण में पहुंच गये। मंगलवार को उन्हें मंत्री बनाये जाने की कामना के साथ बाबा वैद्यनाथ मंदिर से अनुष्ठान किया जा रहा है।
    बाबा मंदिर में पंडा प्रदीप करमहे ने उनके धुर्वा स्थित आवास पर पहुंचकर अनुष्ठान कराये जाने की जानकारी दी। पंडा ने उन्हें विधायक बनने पर पगड़ी भी पहनायी और कहा कि बाबा मंदिर में उनके नाम पर निरंतर अनुष्ठान जारी है और यह आगे भी चलता रहेगा। वहीं, डॉ इरफान अंसारी ने कहा कि यह उनका सौभाग्य है। बाबा का आशीर्वाद मिले यही मेरी कामना है। उन्होंने कहा कि जनता ने उन्हें दुबारा सेवा करने का मौका दिया है और वह जनता की समस्याओं के समाधान के लिए निरंतर प्रयासरत रहेंगे।

    12वां बर्थ हासिल करना चाहते हैं डॉ इरफान अंसारी में
    जामताड़ा से भाजपा के वीरेंद्र मंडल को 38741 वोटों से हराकर विधायक बने डॉ इरफान अंसारी में मंत्री बनने की इच्छा तो विधायक बनने के साथ ही जोर मारने लगी थी, पर वे यह सोचकर चुपचाप थे कि शायद बिना कहे ही आलाकमान उनकी मेहनत का इनाम दे दे। लेकिन जब बीते 28 जनवरी को हुए मंत्रिमंडल विस्तार में उन्हें जगह नहीं मिली और हेमंत सरकार में मंत्री का एक बर्थ खाली रह गया, तो डॉ इरफान अंसारी से रहा नहीं गया और व और उनके समर्थक अब ऊपरवाले पर आसरा बांधे बैठे हैं। इसके बाद मंदिर में उनके लिए अनुष्ठान हो रहा है, तो मस्जिदों-मजारों में इबादत भी की जा रही है।

    प्रदीप की कांग्रेस में इंट्री की खबर से घबराये हुए हैं इरफान
    डॉ इरफान अंसारी को डर दरअसल इस बात से है कि कहीं कांग्रेस में बंधु तिर्की के साथ पोड़ैयाहाट विधायक प्रदीप यादव की इंट्री उनके मंत्री बनने के सपने को चकनाचूर न कर दे। 23 जनवरी को बंधु तिर्की और प्रदीप यादव ने दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान से मुलाकात की थी। इसके बाद कयास लगने लगे थे कि कांग्रेस प्रदीप यादव को पार्टी में शामिल कराते हुए मंत्री बना सकती है। इरफान को जैसे ही यह खबर मिली, उन्होंने इसपर कड़ा ऐतराज जताया। 25 जनवरी को इरफान ने कहा कि बंधु तिर्की सेक्यूलर हैं, उनका पार्टी में स्वागत है, लेकिन प्रदीप यादव अल्पसंख्यक विरोधी हैं। उन्हें किसी भी हाल में पार्टी में शामिल नहीं कराया जाना चाहिए। अंसारी ने कहा था कि उनके साथ सात विधायक हैं और यदि प्रदीप को पार्टी में शामिल कराया गया तो वे न केवल कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष पद छोड़ देंगे, बल्कि आगे के लिए भी विचार करेंगे। प्रदीप यादव की सच्चाई बताने के लिए वे कांग्रेस आलाकमान से मिलेंगे और उन्हें बतायेंगे कि गोड्डा में रहते हुए प्रदीप यादव ने कई अल्पसंख्यकों पर फर्जी केस कराकर उन्हें जेल भिजवाया है। इरफान का आरोप है कि प्रदीप यादव नफरत की राजनीति करते हैं। गोड्डा में प्रदीप यादव के कारण ही पार्टी की किरकिरी हुई थी। विधानसभा चुनाव में मुझे हराने के लिए उन्होंने झाविमो से एक अल्पसंख्यक प्रत्याशी को खड़ा कराया था।
    प्रदीप यादव को पार्टी में शामिल कराने से अच्छा है कि पार्टी रघुवर दास को शामिल करा ले और उन्हें मंत्री बना दे। डॉ इरफान अंसारी तो यहां तक कह चुके हैं कि प्रदीप यादव झाविमो के रिजेक्टेड माल हैं और उन्हें भाजपा में भी स्वीकार नहीं किया गया।

    रघुवर को फला था अनुष्ठान कराना
    ऐसा नहीं है कि अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए मंदिर और मस्जिदों में पूजा और दुआ मंगवानेवाले इरफान अंसारी अकेले विधायक हैं। वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में जब भाजपा ने झारखंड में अकेले अपने दम पर 37 सीटें हासिल की थीं और रघुवर दास झारखंड के पहले गैर आदिवासी मुख्यमंत्री बने थे तो उन्हें अनुष्ठान कराना फला था। कांके रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास में रहते हुए उन्होंने अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा किया था। हालांकि दूसरी दफा वे मुख्यमंत्री तो क्या विधायक बनने में भी असफल रहे। उन्हें सरयू राय ने हरा दिया। रघुवर दास ने मुख्यमंत्री बनने के बाद कैफोर्ड हाउस में पूजा-पाठ कराने के बाद शिफ्ट किया था। इसके बाद वास्तु शास्त्र के हिसाब से इसमें कई बदलाव किये गये थे। यहां का गेट पहले कांके रोड की ओर खुलता था, पर इसे बदल दिया गया था। इसका गेट रांची यूनिवर्सिटी हॉस्टल की ओर कर दिया गया था और वास्तु दोष मिटाना रघुवर दास को फला भी था। रघुवर दास के अलावा पूर्व केंंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय की बात करें तो वे सार्इं बाबा के भक्त हैं।

    Irfan Ansari in the shelter of Bholenath to become a minister
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