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    Home»Top Story»आकार में छोटा, पर बहुत बेहतर होगा हेमंत सरकार का पहला बजट
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    आकार में छोटा, पर बहुत बेहतर होगा हेमंत सरकार का पहला बजट

    azad sipahi deskBy azad sipahi deskFebruary 21, 2020No Comments3 Mins Read
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    अजय शर्मा
    रांची। हेमंत सरकार का पहला बजट आकार में छोटा, लेकिन बेहतर होगा। पिछले एक सप्ताह से वित्त विभाग के अधिकारी इसे लेकर माथापच्ची कर रहे हैं। वहीं, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं। वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव बजट पेश करेंगे। वह भी बजट को लेकर लगातार बैठकें कर रहे हैं। बता दें कि तीन मार्च को बजट पेश किया जाना है।
    गठबंधन सरकार से राज्य की सवा तीन करोड़ जनता को काफी उम्मीदें हैं। महिलाओं, किसानों, छात्रों, युवाओं, बेरोजगारों की निगाहें बजट पर टिकी हैं। हेमंत चाहते हैं कि इस बजट से समाज के हर वर्ग को लाभ हो और विकास की किरण हर दरवाजे तक पहुंचे। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि हर हाल में फिजूलखर्ची रोकें। गैर-जरूरी योजनाएं भी बंद कर दी जायें।
    जानकारी के अनुसार 2014 से पहले यूपीए सरकार द्वारा शुरू की गयी योजनाएं नये सिरे से शुरू की जायें। इनमें से कई योजनाओं को भाजपा सरकार ने बंद कर दिया है। 10 रुपये में धोती-साड़ी योजना को फिर से शुरू किया जा सकता है। परीक्षा शुल्क एक सौ रुपये से अधिक नहीं लिया जाये, इस पर भी माथापच्ची की गयी है। किसान बैंक की स्थापना हो सकती है। इस बैंक में कृषक अपने उत्पाद वाजिब दाम में बेच सकेंगे। धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने का भी प्रावधान हो सकता है। तालाब निर्माण या जीर्णोद्धार का काम कृषि विभाग से लेकर ग्रामीण विकास विभाग को दिया जा सकता है। डोभा निर्माण योजना बंद की जायेगी। मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना भी बंद होगी। इससे बचनेवाली राशि से दो लाख रुपये तक की कर्ज माफी का प्रावधान सरकार कर सकती है। मनरेगा में साल में एक सौ दिन की मजदूरी के साथ प्रतिदिन 242 रुपये के भुगतान का प्रावधान होगा। सरकार रोजगार गारंटी योजना भी ला सकती है। विधि व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए नये थाना भवनों के निर्माण के लिए फंड की व्यवस्था की जा सकती है। 12वीं पास करनेवाले छात्रों को चार लाख रुपये तक का स्टूडेंट कार्ड का प्रावधान किया जायेगा। मुख्यमंत्री दाल-भात योजना को बंद कर बिरसा मुंडा दाल-भात योजना शुरू की जायेगी। एक सौ यूनिट बिजली फ्री दी जा सकती है। सरकार बेरोजगारी भत्ता का प्रावधान भी करने जा रही है। किसानों को फोकस करते हुए बजट तैयार होना है, जिसमें आदिवासियों के विकास के लिए भी कई योजनाओं को शामिल किया जाना है। नया कर नहीं लगेगा। सरकार शराब, बालू, पर्यटन स्थल, खनिज संपदा से आय की व्यवस्था करेगी। हेमंत सोरेन की सरकार जीएसटी का भी विरोध करती है। इस तरह का बजट तैयार हो रहा है, जिसमें नये राजस्व संग्रहण की व्यवस्था हो और जो जीएसटी के दायरे में नहीं आये।

    but Hemant government's first budget will be much better Small in size
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