-अडाणी के शेयर में 35 फीसदी गिरावट
– विपक्ष ने जेपीसी या सुप्रीम कोर्ट पैनल से जांच कराने की मांग की
-हिंडनबर्ग के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल
आजाद सिपाही संवाददाता
नयी दिल्ली। अडाणी ग्रुप पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर गुरुवार को संसद से बाजार तक हंगामा मचा रहा। अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज डाउ जोंस ने अडाणी एंटरप्राइजेज को सस्टेनबिलिटी इंडेक्स से बाहर कर दिया। इसके बाद कंपनी के शेयर 35 प्रतिश्त तक गिर गये। हालांकि इसके बाद शेयर में रिकवरी आयी और यह केवल 2.19 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1,531 रुपये पर बंद हुए।
इधर, हिंडनबर्ग रिसर्च के खिलाफ एडवोकेट एमएल शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। इसमें उन्होंने निवेशकों का शोषण करने और उन्हें ठगने के लिए हिंडनबर्ग रिसर्च के फाउंडर नाथन एंडरसन और उनके साथियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने की मांग की है। साथ ही उन निवेशकों के लिए मुआवजे की भी मांग की है, जिन्हें शेयर की कीमत गिरने से नुकसान हुआ है।
अडाणी ग्रुप में एसबीआइ और एलआइसी का पैसा लगाने के मुद्दे पर लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही लगातार दूसरे दिन स्थगित करनी पड़ी। विपक्ष इसकी जांच जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (जेपीसी) या सुप्रीम कोर्ट के पैनल से कराने की मांग कर रहा है। विपक्ष ने कहा कि सरकारी बैंक एसबीआइ ने अडाणी ग्रुप को 21.38 हजार करोड़ रुपये का लोन दिया है। वहीं, फाइनेंस और इंश्योरेंस कंपनी एलआइसी ने पिछले कुछ साल में अडाणी ग्रुप में 30,127 करोड़ रुपये का इन्वेस्टमेंट किया है। विपक्षी नेताओं का कहना है कि शेयर बाजार का यह अमृतकाल का सबसे बड़ा महाघोटाला है।