वाशिंगटन। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जिमी कार्टर की हालत नाजुक है। वयोवृद्ध कार्टर (98) ने अपना अंतिम समय परिवार के लोगों के बीच बिताने का फैसला किया है। इसलिए लंबे समय से अस्पताल में भर्ती कार्टर को उनके घर जार्जिया शिफ्ट कर दिया गया। उनके परिवार ने इस संबंध में बयान जारी कर यह जानकारी दी है।

परिवार ने एक दिन पूर्व ट्वीट कर कहा है कि उनका इलाज घर पर किया जाएगा। उन्हें डॉक्टरों पर पूरा भरोसा है। वे चाहते हैं कि इस समय उनकी निजता का उल्लंघन न किया जाए। कार्टर के परिवार ने लोगों की चिंता के लिए भी आभार जताया है।

कार्टर के पोते और कार्टर सेंटर के न्यासी बोर्ड के अध्यक्ष जेसन कार्टर ने कहा कि उन्होंने शुक्रवार को पूर्व राष्ट्रपति जिमी कार्टर और अपनी दादी रोजलीन कार्टर को देखा। रोजलीन इस समय 95 साल की हैं।

उल्लेखनीय है कि जिमी कार्टर इस समय अमेरिका के इतिहास में सबसे अधिक उम्र तक जीवित रहने वाले राष्ट्रपति हैं। कार्टर 1977 से 1981 तक अमेरिका के राष्ट्रपति थे। 2002 में उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार मिला था। कार्टर कुछ समय से मेलेनोमा नामक बीमारी से पीड़ित हैं। इसका संक्रमण उनके लिवर और दिमाग तक फैल चुका है। यह एक प्रकार का स्किन कैंसर है।

जिमी कार्टर जनवरी 1978 में तीन दिन के दौरे पर भारत आए थे। कार्टर का यह दौरा तब हुआ था, जब कुछ महीने पहले ही इमरजेंसी के बाद हुए चुनाव में जनता पार्टी को ऐतिहासिक जीत मिली थी। जिमी कार्टर के उस दौरे से 1971 में भारत-पाकिस्तान जंग और 1974 में भारत के परमाणु परीक्षण से दोनों देशों के बीच आया तनाव कम हुआ था।

कार्टर ने हरियाणा में गुरुग्राम के गांव दौलतपुर नसीराबाद का दौरा किया था। इसके बाद गांव का नाम कार्टरपुरी रख दिया गया था। जिमी कार्टर ने तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई से परमाणु मसले पर चर्चा की थी।

1924 में किसान परिवार में जन्मे कार्टर 1960 में राजनीति में आए और 1971 में पहले बार अपने राज्य के गवर्नर बने। इसके ठीक छह साल बाद जिमी कार्टर ने रिपब्लिकन पार्टी के जेरालड फोर्ड को हराया।

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