– राष्ट्रपति ने बुक्सा जनजाति के लोगों को वनाधिकार पत्र वितरित किया

– कहा- बेटा हो या बेटी, दोनों को पढ़ाएं

– राष्ट्रपति ने देखी डॉक्यूमेंट्री, पांच लोगों को प्रमाण पत्र भी दिए

– राष्ट्रपति ने सरकार के कार्यों की सराहना की तो समाज को राह भी दिखाई

लखनऊ। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि यूपी में 25 करोड़ लोग निवास करते हैं। इसके बावजूद यहां सिर्फ बुक्सा समाज को ही बुलाया गया है, क्योंकि सरकार चाहती है कि कोई भी समाज पीछे न रह जाए। सभी आगे बढ़ें। हर बच्चे को पढ़ने की सुविधा मिले, शिक्षित व आर्थिक रूप से उन्नति करें। बुक्सा समाज शिक्षा, सामाजिक व आर्थिक समेत सभी क्षेत्रों में पीछे है, इसलिए सरकार चाहती है कि वे भी कदम से कदम मिलाकर चलें।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को यहां गांधी सभागार में सूबे की बुक्सा जनजाति के लोगों को वनाधिकार पत्र वितरित कर उनसे संवाद के दौरान यह बातें कहीं। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि मैं राज्यपाल थी तो सरकार से कहा कि जनजातियों को आगे लाना है। उनके लिए बहुत काम हो रहे हैं। स्कूल-कॉलेज खुल रहे हैं। शुरुआत अच्छी हुई है तो सारी समस्याओं को दूर भी किया जाएगा। अभी टेक्नोलॉजी का जमाना है। वीडियो से जाना कि छात्राओं के लिए हॉस्टल है। घर से आने-जाने वालों के लिए साइकिल की व्यवस्था कराई गई। मुसहर जनजाति के लोग जंगलों में रहते हैं। उनकी खुद की जमीन न होने से वे पीएम आवास योजना से नहीं जुड़ पाते। उन्होंने समाज के लोगों को नसीहत दी कि सीखना बहुत जरूरी है। बेटा हो या बेटी, दोनों को पढ़ाना चाहिए।

सिर्फ सरकार से सहारा न लें, आगे बढ़ने का जुनून होना चाहिए

राष्ट्रपति ने कहा कि जिंदगी जीने के लिए घर जरूरी है। आपमें से कोई पंचायत मुखिया बन गया, कोई समिति सदस्य, हर क्षेत्र में बच्चियां बढ़ रही हैं। यह शुरुआत है, जनजातीय भी जरूर आगे बढ़ेंगे। सिर्फ सरकार से ही सहारा न लें बल्कि आगे बढ़ने का जुनून होना चाहिए। मानसिकता मजबूत होनी चाहिए। मनोबल को सशक्त करना चाहिए। बेटा-बेटी दोनों को पढ़ाइए। सरकार से बात करूंगी कि जरूरत पर नजदीक स्कूल खोले जाएं। अभी एकलव्य विद्यालय खोले गए हैं। बच्चों को भी प्रतियोगिता में भाग लेना चाहिए। यह सोच आनी चाहिए कि दूसरे समुदाय के बच्चों के साथ आपके बच्चे भी आगे आ पाएं। आपको भी उस रास्ते पर दौड़ना चाहिए। हम जनजाति हैं, पीछे नहीं रहेंगे, हम भी सशक्त होंगे, हम भी कुछ बनेंगे, यह सोच होनी चाहिए। राष्ट्रपति ने बताया कि आपकी राज्यपाल गांव-गांव घूमती हैं। कई गांवों और आंगनबाड़ी केंद्रों को गोद ले चुकी हैं। मुख्यमंत्री व मंत्रियों से बात हुई है। जो समाज पीछे है, उसे आगे लाने के लिए वे प्रयासरत हैं। आगे का रास्ता बहुत अच्छा होगा।

कंधे से कंधा मिलाकर बढ़ना होगा

राष्ट्रपति ने कहा कि आपको अपना पारंपरिक कार्य (खेती-बाड़ी, पशुपालन) भी करते रहना चाहिए। आर्थिक उन्नति के लिए सरकार सहयोग देती है। बेहतर के लिए हमें प्रयास करना चाहिए और प्रयास करने से ही आगे बढ़ सकते हैं। आपका भविष्य उज्ज्वल होगा, आपको भी कदम से कदम और कंधे से कंधे मिलाकर बढ़ना चाहिए। सरकार प्रयास कर रही है पर आपको भी प्रयास जारी रखना चाहिए।

राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने जनजातीय समूहों द्वारा संचालित समूहों की ओर से निर्मित स्मृति चिह्न राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को दिया। कार्यक्रम में निदेशालय, जनजातीय विकास विभाग की तरफ से बुक्सा जाति पर डॉक्यूमेंट्री भी दिखाई गई।

पांच लोगों को राष्ट्रपति ने दिए वनाधिकार प्रमाण पत्र

बुक्सा समाज के जनजातीय लोग बिजनौर के कोतवाली, अफजलगढ़ व नजीबाबाद ब्लॉक में निवास करते हैं। यूपी के बिजनौर में वनाधिकार अधिनियम के तहत 21 लोगों को वन भूमि पर पट्टे दिए गए हैं। इसमें से पांच लोगों को राष्ट्रपति ने वनाधिकार पट्टा अभिलेख के प्रमाण पत्र दिए। बाला पत्नी श्री चिरंजी, श्री धन सिंह, शिव सिंह, वीरेंद्र व वीरमती के स्थान पर पति पारेन ने प्रमाण पत्र प्राप्त किए। बुक्सा जनजाति की प्रतिनिधि सीमा (ग्राम प्रधान, बावन सराय) व धन सिंह ने अपनी बातें भी रखीं।

Share.

Comments are closed.

Exit mobile version