भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी क्लाईमेट चेंज के खतरों को कम करने के लिए पर्यावरण-संरक्षण का अभियान संचालित कर रहे हैं। उनका मानना है कि हमें धरती को बचाना है तो पौधरोपण का अभियान निरंतर चलना होगा। भोजन की तरह ऑक्सीजन भी मनुष्य की आवश्यकता है। एक पेड़ पर न जाने कितनी जिंदगियां पलती हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री वर्ष 2070 तक नेट जीरो उत्सर्जन के लक्ष्य का ध्यान रखते हुए विभिन्न स्तरों पर पर्यावरण संरक्षण का कार्य कर रहे हैं। उनके संकल्प के अनुरूप मध्य प्रदेश अग्रणी भूमिका का निर्वाह करेगा। मुख्यमंत्री चौहान रविवार को भोपाल के राजा भोज विमानतल परिसर में प्रकृति की सेवा संकल्प के दो वर्ष पूर्ण होने पर विशाल वृक्षारोपण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री के नियमित पौधरोपण के संकल्प और उसके क्रियान्वयन के दो वर्ष पूर्ण होने पर यह कार्यक्रम किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाली पीढ़ियों के लिए सांसों का प्रबंध हमें ही करना है। यह धरती अगली पीढ़ियों के लिए तैयार हो, इसलिए हमारा कर्तव्य है पौधे लगाएं। हम पेड़ लगाते हैं तो इनसे हमें ऑक्सीजन मिलती है। मध्यप्रदेश को हरा-भरा रखने का संदेश दें। प्रदेश में पौधे लगाने के अभियान में मीडिया का काफी सहयोग रहा है। इसके लिए मीडिया बंधुओं का आभार। मुख्यमंत्री ने दो वर्ष में प्रतिदिन किए गए पौधरोपण की विस्तृत जानकारी दर्शाने वाली सचित्र पुस्तिका का विमोचन किया। इसकी ई-कॉपी mpinfo.org पर देखी जा सकती है।
उन्होंने कहा कि भोपाल एयरपोर्ट के पास इस विशाल मानव निर्मित वन की देखभाल का दायित्व श्रीराम आस्था मिशन ने लिया है। यह प्रदेश का सबसे बड़ा मानव निर्मित वन होगा। यहां एक लाख 40 हजार पेड़ लगाए जाएंगे। श्रीराम वन में 120 प्रजाति के पौधे रोपने की योजना है।
उन्होंने कहा कि पौधरोपण अभियान से अनेक अच्छे परिणाम देखने को मिल रहे हैं। पर्यावरण की रक्षा के साथ ही परिवारों द्वारा जन्मदिवस, विवाह वर्षगांठ और अनेक अवसर पर पौधे लगाने के कार्य से दिन की शुरुआत की जाती है। पति-पत्नी जब मिलकर विवाह वर्षगांठ पर पौधा लगाते हैं तो उनका प्रेम संबंध प्रगाढ़ होता है। इसी तरह बच्चों के जन्मदिन पर पौधे लगाना सभी को प्रसन्नता देता है।
चौहान ने बताया कि अंकुर अभियान में 15 लाख से अधिक लोगों ने सहभागिता की है। कुल 37 लाख से अधिक पौधे लगाए जा चुके हैं। अभियान में इन पौधों का रिकार्ड भी रखा जा रहा है। विदेश से आए अनेक लोगों ने अपने लगाए पौधों की जानकारी क्यूआर कोड से प्राप्त करने की सुविधा का उपयोग किया है। वायु दूत एप्लीकेशन इस कार्य में सहयोगी बनी है।

अभियान को दिन-प्रतिदिन मिल रही लोकप्रियता

चौहान ने कहा कि 19 फरवरी 2021 से नर्मदा मैया के उद्गम स्थल अमरकंटक से प्रतिदिन पौधा लगाने की उनकी शुरुआत को जन-समर्थन मिल रहा है। गत दो वर्ष में एक भी दिन ऐसा नहीं बीता जब पौधा न लगाय़ा हो। कोरोना काल में भी मॉस्क और सेनेटाइजर के उपयोग के साथ ऐहतियात बरतते हुए अकेले ही पौधे लगाए। उन्होंने बताया कि 12 राज्य में उन्होंने पेड़ लगाए हैं। राज्यों में पौधा लगाने के समय वहां के लोगों को आश्चर्य भी होता है कि प्रवास पर रहकर भी यह कार्य किया जा सकता है। प्रदेश में अनेक स्थान पर पौधा लगाने का कार्य जन-सहयोग से हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी ने भी इस अभियान की लोकप्रियता श्योपुर जिले के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में 17 सितम्बर 2022 को अफ्रीका से लाए गए चीतों को छोड़ते समय देखी है। प्रधानमंत्री ने भी वहां पौधा लगाया था।

ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों को भी बढ़ावा

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि जहां आने वाली पीढ़ियों के लिए सांसों का प्रबंध वृक्षारोपण से किया जा रहा है। वहीं धरती को बचाने के लिए सोलर एनर्जी के प्रयोग को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। जहाँ ओंकारेश्वर में पानी पर पैनल बिछाकर सौर ऊर्जा उत्पादन की पहल हुई है, वहीं रायसेन जिले के विश्व धरोहर स्थल सांची को देश की प्रथम सोलर सिटी बनाने का कार्य किया जा रहा है। आगामी 3 मई को विधिवत कार्यक्रम के माध्यम से पूरे विश्व तक सोलर सिटी का संदेश जाएगा।

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