काठमांडू। नेपाल के प्रधानमंत्री और सीपीएन (एमसी) अध्यक्ष पुष्प कमल दहल प्रचंड ने केपी शर्मा ओली के नेतृत्व वाली सीपीएन (यूएमएल) पर सरकार छोड़ने का दबाव बढ़ा दिया है। उन्होंने सरकार में शामिल यूएमएल मंत्रियों के कामकाज पर रोक लगा दी है।
प्रचंड ने रविवार शाम संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद् के 52 वें सत्र में हिस्सा लेने जिनेवा जा रही विदेश मंत्री विमला राय पौड्याल को रोक दिया। मंत्री पौडयाल ने खुलासा किया कि मुख्य सचिव शंकर दास बैरागी ने उन्हें बताया कि प्रधानमंत्री प्रचंड ने उन्हें फोन पर जिनेवा नहीं जाने को कहा है। हालांकि मंत्री पौड्याल का दौरा मंत्रिपरिषद ने तय किया था। प्रचंड ने विदेश मंत्री को रोक कर नेपाली टीम का नेतृत्व करने के लिए पूर्व मंत्री गोबिंद बंदी को भेज दिया है। पूर्व मंत्री गोबिंद बंदी, सीपीएन (यूएस) अध्यक्ष माधव कुमार नेपाल के करीबी हैं। वह पहले माधव नेपाल की सिफारिश पर मंत्री बने थे।
प्रचंड अब मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम को नया मोड़ देने की कोशिश कर रहे हैं। वह ओली के नेतृत्व वाले सीपीएन (यूएमएल) को सरकार छोड़ने के लिए मजबूर कर रहे हैं। इसका मकसद सरकार में शेर बहादुर देउबा के नेतृत्व वाली नेपाली कांग्रेस, माधव कुमार नेपाल के नेतृत्व वाले सीपीएन (यूएस) को शामिल करने का रास्ता साफ करना है।
रविवार को सीपीएन यूएमएल के अध्यक्ष केपी शर्मा ओली ने टिप्पणी की है कि प्रचंड ने उनके साथ विश्वासघात किया है। प्रचंड की पार्टी सीपीएन (एमसी) द्वारा नेपाली कांग्रेस के उम्मीदवार रामचंद्र पौडेल को समर्थन देने का फैसला करने के बाद ओली उनके प्रति आक्रामक हो गए हैं। हालांकि, यूएमएल ने 09 मार्च तक सरकार नहीं छोड़ने का फैसला किया है।