आजाद सिपाही संवाददाता
नयी दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में 5 जजों की नियुक्ति के लिए केंद्र को भेजी सिफारिश अगले पांच दिन में मंजूर हो जाएगी। केंद्र सरकार ने अपने हलफनामें में सुप्रीम कोर्ट को यह जवाब दिया है। उसका यह जवाब सुप्रीम कोर्ट की नाराजगी के बाद आया है। दरअसल, एडवोकेट्स एसोसिएशन बेंगलुरु ने इस मामले में एक अवमानना याचिका लगायी थी। शुक्रवार को इस पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने हाईकोर्ट जजों का ट्रांसफर कर सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति देने की सिफारिशों को मंजूरी देने में हो रही देरी पर नाराजगी जतायी। कोर्ट ने सरकार से कहा कि ये बेहद गंभीर मामला है। हमें ऐसा स्टैंड लेने पर मजबूर न करें, जिससे परेशानी हो। केस की अगली सुनवाई 13 फरवरी को होगी।
कॉलेजियम ने जजों के नाम की सिफारिश की थी:
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 13 दिसंबर को सरकार से 5 नामों की सिफारिश की थी। इनमें जस्टिस पंकज मिथल चीफ जस्टिस राजस्थान हाइकोर्ट, जस्टिस संजय करोल चीफ जस्टिस पटना हाइकोर्ट, जस्टिस पी वी संजय कुमार चीफ जस्टिस मणिपुर हाइकोर्ट, पटना हाइकोर्ट के जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और इलाहाबाद हाइकोर्ट के जस्टिस मनोज मिश्रा का नाम शामिल था।
फिलहाल 27 जजों के साथ काम कर रहा सुप्रीम कोर्ट:
सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने जस्टिस एसके कौल और एएस ओका की बेंच को बताया कि 5 जजों की नियुक्ति का वारंट जल्द ही जारी होगा। सुप्रीम कोर्ट में जजों की सैंक्शन स्ट्रेंथ सीजेआइ समेत 34 है। फिलहाल 27 जजों के साथ काम हो रहा है। पांचों जजों के शपथ लेने के बाद यह संख्या बढ़कर 32 हो जाएगी।