कोलकाता। केंद्र सरकार की ओर से पश्चिम बंगाल सरकार को मिली ढाई लाख करोड़ रुपये की राशि के हेरफेर और गबन संबंधी मामले की सुनवाई कलकत्ता हाई कोर्ट में मंगलवार को टल गई है। पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और राजर्षि भारद्वाज की खंडपीठ में मामले की सुनवाई के दौरान अगली तारीख के लिए आवेदन किया गया जिसके बाद कोर्ट ने फिलहाल सुनवाई टाल दी।

राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता सोमेंद्र नाथ मुखर्जी ने बताया कि पिछले साल 17 मार्च को विधानसभा में सीएजी रिपोर्ट के बारे में जानकारी दी गई थी। यह रिपोर्ट अभी भी विधान सभा में चर्चा के लिए लंबित है। इसीलिए फिलहाल इस मामले पर सुनवाई स्थगित रहनी चाहिए। इसके बाद कोर्ट ने आगामी 13 फरवरी तक के लिए मामले की सुनवाई टाल दी है। दरअसल केंद्र सरकार की ओर से जो राशि राज्य को भेजी जाती है उसके खर्च संबंधी हिसाब सीएजी को दिया जाता है। इसे यूटीलाइजेशन सर्टिफिकेट कहते हैं।

आरोप है कि राज्य सरकार ने कई सालों से सीएजी को कोई रिपोर्ट नहीं दी है जिसकी वजह से इस बात के दावे किए जा रहे हैं कि केंद्र की ओर से मिली धनराशि का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग किया गया है। मूल रूप से राज्य के नगरपालिका, शहरी और पंचायत विभाग, परिवहन विभाग के लिए बड़ी धनराशि केंद्र से मिली है जिसके खर्च का कोई हिसाब-किताब राज्य ने नहीं दिया है।

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